Depression Causes and Prevention:हाल ही में एक स्टडी में सोशल मीडिया को टीनेज लड़कियों में बढ़ रहे डिप्रेशन का कारण बताया गया है.
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जब मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कांग्रेस की सुनवाई में यह कहा कि सोशल मीडिया के उपयोग और बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है, तो यह बयान कई सोशल साइंटिस्ट्स के लिए चौंकाने वाला था. उनका कहना था कि सोशल मीडिया का बच्चों पर नुकसान पहुंचाने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.
हालांकि, हाल के अध्ययनों और शोधों में इस बात की ओर इशारा किया गया है कि सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. खासकर, किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर सोशल मीडिया के प्रभाव पर गहरी चर्चा हो रही है.
सोशल मीडिया और मानसिक स्वास्थ्य: अध्ययन का खुलासा
अध्ययन से यह पता चला कि सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग से छात्रों में मानसिक तनाव, डिप्रेशन और एकेडमिक परफॉर्मेंस में गिरावट देखने को मिली. इस अध्ययन के अनुसार, सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताने से मानसिक स्वास्थ्य पर खराब असर पड़ा और छात्रों ने मानसिक दबाव का सामना किया.
लड़कियों पर सोशल मीडिया का अधिक प्रभाव
लैंसेट चाइल्ड एंड एडोलसेंट हेल्थ में प्रकाशित एक नए अध्ययन में यह पाया गया कि सोशल मीडिया का मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा संबंध विशेष रूप से लड़कियों में ज्यादा देखा गया है. अध्ययन के मुताबिक, जब लड़कियां सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग करती हैं और इससे उन्हें साइबरबुलिंग, अपर्याप्त नींद जैसी समस्याएं होती हैं, जिससे उनके मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है. वहीं, लड़कों पर इस तरह का असर देखने को नहीं मिला.
डिप्रेशन से बचने के उपाय
विशेषज्ञों का मानना है कि डिप्रेशन और एंग्जायटी से बचने के लिए सोशल मीडिया के अत्यधिक उपयोग से बचना चाहिए. अगर आप सोशल मीडिया पर दूसरों को अपने से ज्यादा खुशहाल या सफल देखते हैं और यह मानसिक दबाव का कारण बनता है. इसके अलावा, एक हेल्दी और बैलेंस्ड लाइफस्टाइल अपनाना भी जरूरी है.