अतीक और अशरफ की हत्या के पीछे क्या था अपराधियों का असल मकसद? खुद किया ये खुलासा
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के हत्यारों ने पूछताछ में ये खुलासा किया है कि अतीक एवं अशरफ गिरोह का सफाया कर अपनी पहचान बनाना चाहते थे.
नई दिल्ली: गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद (60) और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में पकड़े गए तीनों आरोपियों ने पूछताछ के दौरान पुलिस से कहा कि वे अतीक और अशरफ गिरोह का सफाया कर प्रदेश में अपनी पहचान बनाना चाहते थे. इस हत्याकांड के संबंध में दर्ज की गई प्राथमिकी में इस बात का उल्लेख है.
तीनों आरोपियों ने क्यों अतीक और अशरफ को मार डाला?
पुलिस ने बताया कि प्रयागराज के धूमनगंज थाना प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) राजेश कुमार मौर्य ने शाहगंज थाने में तीनों आरोपियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है. अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के मामले में लवलेश तिवारी (बांदा), मोहित उर्फ सनी (हमीरपुर) और अरुण मौर्य (कासगंज-एटा) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. इस हमले के दौरान गोलीबारी में लवलेश तिवारी को भी गोली लगी है और उसका अस्पताल में उपचार किया जा रहा है.
प्राथमिकी के अनुसार, पूछताछ के दौरान तीनों आरोपियों ने कहा, 'हम अतीक और अशरफ गिरोह का सफाया कर प्रदेश में अपने नाम की पहचान बनाना चाहते थे, जिसका लाभ भविष्य में निश्चित रूप से मिलता. हम पुलिस के घेरे का अनुमान नहीं लगा पाए और हत्या करने के बाद भागने में सफल नहीं हो पाए. पुलिस की तेजी से की गई कार्रवाई में हम लोग पकड़े गये.'
पहले भी की थी अतीक अहमद को मारने की कोशिश
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, आरोपियों ने कहा, 'जब से हमें अतीक व अशरफ को पुलिस हिरासत में भेजे जाने की सूचना मिली थी, हम तभी से मीडियाकर्मी बनकर यहां की स्थानीय मीडिया की भीड़ में रहकर इन दोनों को मारने की फिराक में थे, किंतु सही समय और मौका नहीं मिल पाया. आज (शनिवार को) मौका मिलने पर हमने घटना को अंजाम दिया.' पुलिस की प्राथमिकी में यह भी उल्लेख है कि इसी दौरान गोलीबारी में लवलेश को भी गोली लगी है और उसका इलाज स्वरूप रानी मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज में चल रहा है.
हमीरपुर जिले के कुरारा थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) पवन कुमार पटेल ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 11 कस्बा कुरारा निवासी मोहित सिंह उर्फ सनी पुराने का आपराधिक इतिहास लूट, आयुध अधिनियम और हत्या के प्रयासों से भरा पड़ा है. थाने में उसकी हिस्ट्रीशीट खुली है लेकिन वह काफी दिनों से यहां उसका आना जाना नहीं था. एसएचओ ने बताया कि मोहित सिंह ऊर्फ सनी के खिलाफ लूट और हत्या के प्रयास समेत कुल 14 अभियोग पंजीकृत हैं. सनी पर कुरारा थाने में वर्ष 2016 में पहला मामला लूट और हमले का दर्ज हुआ था और आखिरी मामला 2019 में एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज किया गया.
आरोपियों के जानने वालों ने इनके बारे में क्या कहा?
रविवार सुबह पत्रकारों से बातचीत में सनी सिंह के भाई पिंटू ने कहा, 'मेरा भाई कुछ नहीं करता था और इधर-उधर घूमता था, उस पर कुछ मामले हैं लेकिन मुझे विवरण नहीं पता है.' उसने कहा कि 'मुझे नहीं पता कि सनी कैसे अपराध में शामिल हो गया, वह कई साल पहले घर से भाग गया था. मुझे कल क्या हुआ इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है.'
इस बीच, सनी के एक पड़ोसी ने बिना अपना नाम बताए कहा कि बीती रात उन्हें पता चला कि उसने एक माफिया की हत्या कर दी है. पुलिस सूत्रों के अनुसार लवलेश तिवारी का भी आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है और वह नशे का आदी है. लवलेश के बांदा के पड़ोसियों में से एक ने अपनी पहचान बताए बिना कहा, 'उनका (लवलेश) परिवार हमारा पड़ोसी रहा है, परिवार साधारण है, उनके दो भाई पुजारी हैं जबकि एक अभी पढ़ रहा है. लवलेश अपराध में रहा है और कई बार जेल जा चुका है. अपराध की दुनिया में बड़ा नाम कमाने की उसकी महत्वाकांक्षा थी.'
कासगंज में, अरुण मौर्य के पड़ोसियों ने पूरी घटना पर आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि अरुण के दो भाई दिल्ली में कबाड़ के कारोबार में हैं, जबकि उनके माता-पिता बहुत पहले मर चुके हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि गांव में कोई नहीं जानता कि अरुण क्या करता है और वह कहां रहता है क्योंकि वह काफी पहले गांव छोड़ चुका था. गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद (60) और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात को हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी जब पुलिस दोनों को यहां एक मेडिकल कॉलेज लेकर जा रही थी.
(इनपुट- भाषा)
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