नई दिल्ली: भारत में दिया जाने वाला सबसे बड़ा साहित्यिक सम्माण  56 वें और 57 वें ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए लेखकों के नाम की घोषणा ज्ञानपीठ पुरस्कार चयन समिति ने की. 56 वें ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए असमियां भाषा के प्रमुख कथाकार नीलमणि फूकन तथा 57 वें पुरस्कार के लिए जाने-माने कोंकणी लेखक दामोदर मौज़ो को देने का निर्णय लिया गया.


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 कौन हैं असमिया साहित्यकार नीलमणि फूकन


नीलमणि फूकन का जन्म 1933 में हुआ, उन्होनें असमिया भाषा में कविता की 13 पुस्तकें लिखीं और असमिया साहित्य के अन्य विधाओं पर भी काम किया. नीलमणि फूकन को पद्मश्री, साहित्य अकादमी, असम वैली अवॉर्ड व साहित्य अकादमी फैलोशिप से सम्मानित किया जा चुका है.


कौन हैं दामोदर मौजो 


दामोदर मौजो कोंकणी भाषा के प्रमुख कवि, आलोचक हैं. 1944 में जन्में मौउजो ने करीब 50 साल के अपने लेखन करियर में छह कहानी संग्रह, चार उपन्यास, दो आत्मकथात्मक कृतियां और बाल साहित्य को कलमबद्ध किया है। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, गोवा कला अकादमी साहित्य पुरस्कार, कोंकणी भाषा मंडल साहित्य पुरस्कारों से नवाज़ा जा चुका है। 


गौरतलब है कि कोरोना के कारण 56 वें और 57 ज्ञानपीठ पुरस्कारों की घोसणा एक साथ हुई. प्रसिद्ध कथाकार व ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रतिभा राय की अध्यक्षता में हुई चयन समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया है.


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