किसान संगठन की बैठक खत्म, आंदोलन खत्म करने पर फिर होगी बैठक

संयुक्त किसान मोर्चा की बुधवार दोपहर 2 बजे एक बार फिर बैठक की जाएगी.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 7, 2021, 07:44 PM IST
  • जानिए मीटिंग में क्या हुआ तय
  • इन मुद्दों पर बनी सहमति
किसान संगठन की बैठक खत्म, आंदोलन खत्म करने पर फिर होगी बैठक

नई दिल्लीः कृषि के मुद्दों को लेकर सिंघु बॉर्डर पर हुई किसानों की बैठक खत्म हो गई और संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के दौरान केंद्र सरकार ने किसान संगठनों को जवाब दिया है. जिसमें किसानों की अधिकतर मांगों को मान लिया गया है. हालांकि किसानों ने इसपर कुछ स्पष्टीकरण मांगा है.

कल फिर होगी बैठक
संयुक्त किसान मोर्चा की बुधवार दोपहर 2 बजे एक बार फिर बैठक की जाएगी. साथ ही सरकार से स्पष्टीकरण प्राप्त करने के बाद आंदोलन पर कुछ फैसला लिया जाएगा. किसान नेता युद्धवीर सिंह ने बताया कि, केंद्र सरकार की तरफ से प्रस्ताव आया है, जिसपर हमारी चर्चा हुई और मोर्चे की बैठक में उसे रखा गया. वहीं कई घंटों की बैठक के बाद कुछ किसानों को लगा कि इसमें कुछ स्पष्टीकरण चाहिए.

किसान इस बात से खुश
सरकार से उम्मीद है कि कल तक हमारे कुछ सवालों का जवाब आएगा. उसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी. हमने सभी बिंदु को नोट कर लिया है.किसान इस बात से खुश हैं कि आखिरकार सरकार ने लिखित प्रस्ताव भेज बात की.

सरकार के प्रस्ताव में क्या है
सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा को पांच पॉइंटों के साथ एक प्रस्ताव भेजा, जिसमें कहा गया है कि, एमएसपी पर प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं और बाद में कृषि मंत्री ने एक कमेटी बनाने की घोषणा की है, जिस कमेटी में केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधि और कृषि वैज्ञानिक सम्मिलत होंगे. हम इसमें स्पष्ट करना चाहते हैं कि किसान प्रतिनिधि में एसकेएम के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.

किसानों ने इसपर भी सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है. किसानों के मुताबिक, किसान संगठनों के प्रतिनिधियों में कौन होगा? किसानों के अनुसार, इसमें जो हमेशा आंदोलन का विरोध करते रहे हैं, सरकार उनको भी शामिल कर सकती है.
इसके अलावा सरकार ने प्रस्ताव में कहा है कि, जहां तक किसानों को आंदोलन के वक्त के केसों का सवाल है उत्तरप्रदेश सरकार और हरियाणा सरकार ने इसके लिए पूर्णतया सहमति दी है कि आंदोलन वापस खींचने के बाद तत्काल ही केस वापस लिए जाएंगे.

किसानों ने आंदोलन वापस खींचने के बाद तत्काल ही केस वापस लिए जाएंगे वाली शर्त पर ऐतराज जताते हुए कहा है कि, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड के अलावा अन्य राज्यों में भी मुकदमे दर्ज हैं. वहीं रेल रोको के वक्त भी मुकदमे दर्ज हुए थे. अकेले हरियाणा में ही 48 हजार किसानों पर मुकदमे दर्ज हैं. इनको वापस लेने की शुरूआत तुरन्त होनी चाहिए.

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