पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव को सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के सबसे बड़े डोरंडा मामले में 5 साल की सजा सुनाई हैं. साथ ही इस केस में कोर्ट ने लालू पर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. 950 करोड़ रुपये के बहुचर्चित चारा घोटाले के तहत रांची के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ के गबन का आरोप था. तीन साल से अधिक सजा होने के चलते अब लालू को उपरी अदालत से जमानत मिलने तक जेल में ही रहना होगा. स्वास्थ्य कारणो के चलते फिलहाल लालू रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती है जिसे ही अस्थायी जेल बनाया गया है. 


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सीबीआई की विशेष अदालत के जज एसके शशि ने लालू प्रसाद यादव को फैसला सुनाया. लालू प्रसाद यादव वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये रिम्स के पेइंग वार्ड से आनलाइन कोर्ट में पेश हुए. सजा के ऐलान से पूर्व लालू की ओर से उनके वकील ने ​16 बीमारियों का हवाला देते हुए कम से कम सजा देने की मांग की. जिसका सीबीआई के अधिवक्ताओं की ओर से विरोध किया गया.


अन्य आरोपियों को कितनी सजा


मो सहीद 5 साल 1.5 करोड़ फाइन
महिंदर सिंह बेदी 4 साल 1 करोड़
उमेश दुबे 4 साल
सतेंद्र कुमार मेहरा 4
राजेश मेहरा- 4 साल
त्रिपुरारी 4 साल
महेंद्र कुमार कुंदन 4 साल
डॉ गौरी संकर 4 साल
जसवंत सहाय 3 साल 2 लाख
रविन्द्र कुमार 4 साल
प्रभात कुमार 4 साल
अजित कुमार 4 साल सजा 2 लाख फाइन
बिरसा उराँव 4 साल सजा 3 लाख
नलिनी रंजन 3 साल

क्या था पूरा मामला
डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की निकासी चारा घोटाले का सबसे बड़ा मामला है. सीबीआई ने 1996 में अलग-अलग कोषागारों से गलत ढंग से अलग-अलग राशियों की निकासी को लेकर 53 मुकदमे दर्ज किए थे. इस मामले में 15 फरवरी को अदालत ने कुल 75 आरोपियों को दोषी घोषित किया था. जिनमें से 35 आरोपियों को 3-3 साल की सजा सुनायी गयी. शेष 38 आरोपियों को सजा सुनाना बाकी था.

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