नई दिल्ली: नागरिकता संशोधित कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के खिलाफ विरोध की कतार में राजनीतिक पार्टियां भी शामिल हो चुकी हैं. कभी कांग्रेस और विपक्षी दल मामले को तूल देने की कोशिश करती है. तो अब वामपंथी खेमे ने भी इस मामले को हवा देने का मूड बना लिया है.


वामदलों का देशव्यापी प्रदर्शन


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नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ माकपा और भाकपा सहित सभी वामदल गुरुवार यानी 19 दिसंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे. वामदलों की तरफ से बुधवार को संयुक्त रूप से एक जानकारी दी गई है. जिसके मुताबिक माकपा, भाकपा, भाकपा माले, फॉरवर्ड ब्लॉक और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी सहित अन्य वाम संगठनों की सभी प्रदेश और जिला इकाई देश के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेंगे.


इस प्रदर्शन में नागरिकता संशोधन कानून के अलावा एनआरसी का मुद्दा भी शामिल होगा. इस विरोध प्रदर्शन की आंच एक बार फिर राजधानी दिल्ली तक पहुंचाने की योजना है. दिल्ली में एक विशाल धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया है.


दिल्ली के मंडी हाउस में प्रदर्शन


दिल्ली में होने वाले प्रदर्शन में सभी वामदलों के वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में मंडी हाउस से शहीदी पार्क तक शांति मार्च का आयोजन किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक इससे पहले मंडी हाउस पर आयोजित जनसभा को माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा के महासचिव डी राजा सहित अन्य वामदलों और संगठनों के नेता संबोधित भी करेंगे.


येचुरी ने सोशल मीडिया पर अपने एक संदेश में पार्टी कार्यकर्ताओं से अपने जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर CAA का पुरजोर विरोध करने की अपील की. इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए एनआरसी को देशविरोधी करार दिया.



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गुरुवार को होने वाले इस प्रदर्शन को लेकर येचुरी ने कहा कि 'मोदी-शाह सरकार ने CAA और NRC के जरिए देश के सामाजिक सौहार्द्र को ठेस पहुंचाने की कोशिश की है. ये कानून लोगों को धर्म के आधार पर बांटने वाला साबित होगा. सरकार बेरोजगारी, आर्थिक बदहाली और महिला हिंसा जैसे ज्वलंत मुद्दों से देश की जनता का ध्यान बंटाने के लिए ये फैसला लिया है.'


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