चेन्नई. गणेश चतुर्थी उत्सव के लिए तमिलनाडु के नागापट्टिनम जिले में अंजीर के पेड़ से बनी भगवान विनायक की 32 फुट ऊंची मूर्ति लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गयी है. नागाई विश्वरूप विनयगर समिति द्वारा अंजीर के 83 पेड़ों से बनी विशाल मूर्ति को  ‘अति विनयगर’ नाम दिया गया है.


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नागाई विश्वरूप विनयगर समिति के अध्यक्ष कुबेंद्रन ने कहा कि इस मूर्ति का विसर्जन नहीं किया जाएगा बल्कि श्रद्धालु हमेशा इस मूर्ति के दर्शन कर सकेंगे. पवित्र माने जाने वाले अंजीर के पेड़ से भगवान गणेश की इस मूर्ति को तराशने का विशाल कार्य इस साल जनवरी महीने में शुरू हुआ था और यह काम हाल ही में स्थापति थिरुनावुकारसर और 14 अन्य स्थापतियों द्वारा पूरा किया गया था.


कोरोना के कारण नहीं मनाया गया गणेश चतुर्थी का त्योहार
कुबेंद्रन ने कहा, ‘कोविड-19 महामारी के कारण पिछले दो वर्षों से गणेश चतुर्थी का त्योहार नहीं मनाया गया था. इस बार, मैंने पवित्र अंजीर के पेड़ से भगवान गणेश की मूर्ति बनाने का फैसला किया, जो पिछले 15 वर्षों से मेरा सपना था.’ 


तराशने में लगा लगभग आठ महीने का समय 
समिति की मंजूरी मिलने के बाद मूर्ति बनाने के लिए धनराशि जुटाई गयी. कावेरी घाटी जिलों से प्राप्त कच्चे अंजीर के पेड़ों के साथ इस खूबसूरत छवि को तराशने में लगभग आठ महीने का समय लगा. कुबेंद्रन ने से कहा, ‘हमने इस मूर्ति को चार टन वजनी बनाने और एक विशाल रथ बनाने में करीब 1.5 करोड़ रुपये खर्च किए, जिस पर भगवान गणेश विराजमान होंगे.’ 


गणपति महोत्सव की शुरुआत
बता दें कि देशभर में गणपति महोत्सव की शुरुआत हो चुकी है जिसका अंत गणेश विसर्जन के साथ 9 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन होगा. महाराष्ट्र में इस कार्यक्रम को विशेष उत्साह के साथ मनाया जाता है. एक दिन पहले लाल बाग के राजा कहे जाने वाले गणेश जी की मूर्ति का अनावरण किया गया. उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने अपनी ट्विटर वॉल पर यह वीडियो शेयर किया था. 


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