मुजफ्फरनगर: लव जिहाद और धर्मांतरण के खेल का पर्दाफाश, पुलिस ने दो महिलाओं को...
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हो गया है. लव जिहाद और धर्मांतरण मामले में हंगामा शुरू हो गया. पुलिस ने 2 महिलाओं को बरामद किया है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में लव जिहाद और धर्मांतरण के कई मामले एक के बाद एक करके सामने आ रहे हैं. नाम बदलकर सोनू, मोनू, रोहित, राहुल आदि आदि रखकर हिंदू धर्म की युवतियों को अपने प्रेम जाल में फंसाने खेल चलता है. और फिर उन्हें बहला-फुसलाकर उनके घर में रखें पैसे और कीमती ज्वैलरी के साथ उन्हें भगाकर ले आते हैं. और तो और उनका धर्मांतरण करा जाता है और फिर मुस्लिम रिवाज के अनुसार उनका निकाह कराया जाता है.
लव जिहाद और धर्मांतरण का पर्दाफाश
मुजफ्फरनगर के थाना खतौली कोतवाली में ऐसे ही 2 मामलों का पर्दाफाश हुआ है. खतौली निवासी रहमान पठान नाम का युवक बहला-फुसलाकर एक हिंदू युवती को लगभग डेढ़ साल पहले लाया था और इसका धर्मांतरण कर उसके साथ अपने घर में रह रहा था.
वहीं करीब डेढ़ माह पहले यानी 28 मई 2021 को वसीम उर्फ मोनू नाम का युवक एक एक युवती को बहला-फुसलाकर अपने प्रेम जाल में फंसा कर कीमती ज्वैलरी और नकदी के साथ खतौली लेकर आ गया और उसका धर्मांतरण कर उसके साथ ने कहा कर अपने घर में रख रहा था.
हंगामे के बाद हुआ भांडाफोड़
मुजफ्फरनगर जनपद के थाना खतौली कोतवाली में उस समय हिंदूवादी संगठन के लोगों और महिलाओं ने हंगामा शुरू कर दिया, जब सूचना मिली थी कि जनपद हमीरपुर से बहला-फुसलाकर लाई गई दो युवतियां कस्बा खतौली में मुस्लिम परिवारों में कैद है. जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी करते हुए दो महिलाओं को बरामद किया है.
हालांकि उन्हें प्रेम जाल में फंसा कर उनका धर्मांतरण करने वाले आरोपी मौके से फरार हो गए. पुलिस ने एक आरोपी के भाई और उसकी मां को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है और मामले की तहकीकात में जुट गई है.
पुलिस के अनुसार दोनों ही मामलों में जनपद हमीरपुर में मुकदमे दर्ज हैं और जनपद हमीरपुर की पुलिस दोनों युवतियों को लेने मुजफ्फरनगर पहुंच रही है.
सर्टिफिकेट ने खोल दिए सारे राज
सबसे बड़ी बात यह है कि इस धर्मांतरण और निकाह के मामले में जो सर्टिफिकेट बरामद हुए हैं उन पर जनपद मुजफ्फरनगर के प्रसिद्ध तत्कालीन शहर काजी स्वर्गीय जहीर आलम की मुहर और हस्ताक्षर पाए गए हैं.
जिसमें दो अलग-अलग प्रमाण पत्रों में एक में मैरिज सर्टिफिकेट तो दूसरा धर्मांतरण का सर्टिफिकेट शामिल है और इसमें धर्मांतरण कराने वाले प्रमाण पत्र पर वही तत्कालीन शहर काजी स्वर्गीय जहीर आलम की मुहर और हस्ताक्षर हैं. गवाह के रूप में आमिर पुत्र मुन्ना कमेला रोड मेरठ और मुन्ना पुत्र रफीक निवासी उपरोक्त गवाह के रूप में कासिम पुत्र मुरसलीन ये तीनों ही मेरठ के हैं.
कैसे हिंदू युवतियों को फंसाते हैं ये जिहादी?
बताया जा रहा है कि अंदर का मामला ये है कि ये पूरा एक गिरोह है जो अलग-अलग जगहों पर फेरी का काम करते हैं और वहां कमरा लेकर रहते हैं. वहीं की हिंदू युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनको ले आते हैं और फिर कुछ मौलानाओं के साथ मिलकर उनका धर्मपरिवर्तन कराते हैं.
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ये कहना गलत नहीं है कि उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण और लव जिहाद के नाम का गोरखधंधा धड़ल्ले से जारी है. इनका पूरा का पूरा रैकेट एक्टिवेट है. ऐसे में योगी सरकार की पुलिस और प्रशासन पर भी प्रश्च चिन्ह जरूर लगेगा.
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