नई दिल्ली: महाराष्ट्र के संस्कृति मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार के अधिकारियों के लिए फोन कॉल उठाने के बाद 'वंदे मातरम्' कहना अनिवार्य नहीं है.


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मंत्री ने आलोचना के बाद कही ये बात


उन्होंने कहा कि इस दौरान राष्ट्रवाद को प्रदर्शित करने वाला अन्य कोई समानार्थी शब्द इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने वंदे मातरम् के निर्देश को लेकर विपक्षी दलों द्वारा की गई आलोचना के बाद यह बात कही.


मुनगंटीवार ने रविवार को कहा था कि देश अमृत महोत्सव (स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ) मना रहा है, लिहाजा राज्य सरकार के सभी अधिकारियों को अगले साल 26 जनवरी तक कार्यालयों में फोन कॉल उठाने के बाद हैलो के बजाय 'वंदे मातरम्' कहना होगा.


'वो कहें, जिसमें राष्ट्रवाद झलकता हो'


उन्होंने यह भी कहा था कि 18 अगस्त तक इस संबंध में आधिकारिक आदेश बाद में जारी किया जाएगा. हालांकि मंगलवार को मंत्री ने एक टीवी चैनल से कहा, 'वंदे मातरम् कहना अनिवार्य नहीं है. फोन कॉल लेते समय वंदे मातरम् के समानार्थी किसी भी शब्द का उपयोग किया जा सकता है, जिसमें राष्ट्रवाद झलकता हो.'


उन्होंने कहा, 'किसी संगठन या व्यक्ति के पास इसका विरोध करने का अधिकार है. वंदे मातरम कहना राज्य के संस्कृति मंत्रालय का एक अभियान है, जो स्वतंत्रता दिवस (15) अगस्त को शुरू हुआ है और 26 जनवरी तक जारी रहेगा.'


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