छत्रपति संभाजीनगर. महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन के हिंसक हो जाने के बाद बीड जिले में कर्फ्य लगा हुआ है. साथ ही जिले में प्रशासन ने इंटरनेट पर रोक लगा दी है. हालांकि मराठा आरक्षण आंदोलन के कारण हिंसा की कोई ताजा घटना नहीं हुई.


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आरक्षण आंदोलन तेज होने के कारण नेताओं के घरों और कार्यालयों को निशाना बनाकर हिंसा और आगजनी की घटनाओं के बाद सोमवार शाम को जिले के कुछ हिस्सों में 49 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और कर्फ्यू लगाया गया था. आज कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ. दिन में स्थिति शांतिपूर्ण थी, लेकिन कर्फ्यू में ढील और इंटरनेट सेवा बहाल किए जाने पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है.


एनसीपी नेताओं पर भड़का गुस्सा
दरअसल बीड जिले के माजलगाव शहर में सोमवार सुबह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अजित पवार गुट के विधायक प्रकाश सोलंकी के आवास में आग लगा दी गई और आरक्षण प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने पथराव भी किया. बाद में प्रदर्शनकारियों ने माजलगांव नगर परिषद भवन की पहली मंजिल में आग लगा दी. वहीं एनसीपी विधायक संदीप क्षीरसागर के आवासीय परिसर और कार्यालय में आग लगा दी.


हिंसा का रास्ता न अपनाने की अपील
आगजनी और हिंसा की खबरों के मद्देनजर शिवबा संगठन के अध्यक्ष मनोज जारांगे-पाटिल ने अपने समर्थकों को किसी भी हिंसक विरोध-प्रदर्शन से बचने की चेतावनी दी थी. उन्होंने इसमें सरकार का हाथ होने की आशंका जाहिर की थी. उन्होंने कहा था-मैं राज्य पर करीब से नजर रख रहा हूं. अगर मैंने हिंसा, पथराव या आगजनी की एक भी घटना सुनी तो कल मैं एक अलग रणनीति की घोषणा करूंगा. 


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