नई दिल्लीः राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने भारतीय छात्रों को बड़ी सलाह दी है. एनएमसी ने कहा है कि छात्रों को सलाह दी जाती है कि पाकिस्तान के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला न लें. एनएमसी ने यह कदम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के उस ऐलान के बाद उठाया है जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तानी डिग्रियां भारत में मान्य नहीं होगी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एनएमसी की ओर से सार्वजनिक नोटिस जारी 


बता दें कि कुछ दिन पहले संयुक्त परामर्श के माध्यम से भारतीय छात्रों से पाकिस्तान में किसी भी कॉलेज या शैक्षणिक संस्थान में खुद को एडमिशन नहीं करने का आग्रह किया था. इस पहले के बाद एनएमसी की ओर से सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया है.


यूजीसी और एआईसीटीई के परामर्श में कहा गया था कि यदि छात्र ऐसा करने में विफल रहे तो वे इस देश में नौकरी खोजने या उच्च शिक्षा प्राप्त करने के पात्र नहीं होंगे. 29 अप्रैल को जारी नोटिस में कहा गया है कि ''सभी संबंधित लोगों को सलाह दी जाती है कि वे चिकित्सा शिक्षा के लिए पाकिस्तान की यात्रा न करें.''


पाकिस्तान में पढ़ने वालों की डिग्री भारत में मान्य नहीं


नोटिस में कहा गया है, ‘‘भारत का कोई भी नागरिक/प्रवासी नागरिक जो पाकिस्तान के किसी भी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस/बीडीएस या समकक्ष मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश लेना चाहता है, वह एफएमजीई में उपस्थित होने या भारत में रोजगार पाने के पात्र नहीं होंगे, सिवाय उन लोगों के जिन्होंने दिसंबर 2018 से पहले या बाद में गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी प्राप्त करने के बाद पाकिस्तान के डिग्री कॉलेजों / संस्थानों में दाखिला लिया था.’’


विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा (एफएमजीई) और ‘नेशनल एग्जिट टेस्ट’ (एनईएक्सटी) छात्रों के लिए भारत में प्रैक्टिस करने के लिए एक लाइसेंसिंग परीक्षा है.


ये भी पढ़ें- लाउडस्पीकर विवाद पर CM नीतीश कुमार ने तोड़ी चुप्पी, जानें क्या कहा


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.