मोदी सरकार का ऐलान, राम मंदिर के लिए दान करने पर आयकर में मिलेगी छूट
भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का इंतजार सभी रामभक्तों को बेसब्री से है. हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण लोगों का इंतजार बढ़ता जा रहा है.
नई दिल्ली: भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट भी मुहर लगा चुका है और अब लोगों श्री राम के भव्य और दिव्य मन्दिर का इंतजार है. कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण मन्दिर निर्माण देर से शुरू हो सका है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा लोगों से दान मांगा जा रहा है. राम मंदिर के निर्माण के लिये जो भी श्रद्धालु दान करेगा उसे आयकर में छूट मिलेगी. ये घोषणा मोदी सरकार की तरफ से की गई है.
दान करने वालों को मिलेगी आयकर में छूट
आपको बता दें कि वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग द्वारा 8 मई, 2020 को जारी अधिसूचना में कहा 'आयकर अधिनियम, 1961 (1961 का 43) की धारा 80स की उपधारा (2) के उपवाक्य (ख) के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए, केंद्र सरकार द्वारा श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र को दान देने वालों को आयकर में राहत दी जाएगी'. ये राहत केवल दान की जाने वाली धनराशि पर दी जाएगी.
मन्दिर निर्माण का काम शुरू
उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के तीसरे चरण में उत्तरप्रदेश सरकार की ओर से निर्माण कार्य मे कुछ छूट दी गयी है. निर्माण स्थल पर पुराने ढांचे को हटाने का काम चल रहा है. अस्थाई मंदिर के पास लगी लोहे की जालियों और रेलिंग को हटाया जा रहा है. गुरुवार को सीआरपीएफ कैम्प को भी यहां से हटा दिया गया है. निर्माण स्थल पर समतली करण का काम शुरू हो गया है.
अस्थायी शिफ्ट में विराजमान हैं रामलला
मंदिर निर्माण का पहला चरण 25 मार्च को शुरू हुआ था, जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या जाकर संतों के साथ प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान में भाग लिया था. इसके बाद उन्होंने पूरे अयोध्या शहर की परिक्रमा भी की थी. नवरात्रि से ठीक एक दिन पहले 2 मार्च को मुख्यमंत्री ने राम लला की मूर्ति को टेंट से निकालकर अस्थाई मंदिर में भी स्थापित करने की प्रक्रिया में भाग लिया था. उन्होंने ही रामलला को टेंट से निकालकर अस्थायी मन्दिर में विराजमान किया था. अब राम मंदिर के भव्य निर्माण तक रामलला इसी में स्थापित रहेंगे.
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सर्वविदित है कि नवम्बर में देश की सर्वोच्च अदालत ने अयोध्या की पूरी विवादित जमीन रामलला को देने का फैसला सुनाया था और इसके बदले मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन देने का फैसला किया था. इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से एक ट्रस्ट के गठन किया गया है जो राम मंदिर से जुड़ी समस्त गतिविधियों का संचालन करेगा. इस ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास हैं.