अयोध्या में राम मंदिर पर हलचल तेज, सरकार जल्द करेगी मंदिर ट्रस्ट का ऐलान
सुप्रीम कोर्ट अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ कर चुका है. देश की शीर्ष अदालत ने पूरी विवादित जमीन हिंदू पक्ष को दे दी थी. अब सभी को भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण का इंतजार है.
दिल्ली: राम जन्मभूमि विवाद का निर्णय आने के बाद अब लोगों की निगाह राम मंदिर के निर्माण की ओर लगी है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से तीन महीने में एक ट्रस्ट निर्माण करने को कहा था जो अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की रूपरेखा तय करेगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ये समयसीमा 5 दिन बाद समाप्त हो जाएगी. ऐसे में सरकार को 5 दिन के भीतर राम मंदिर ट्रस्ट की विधिवत घोषणा करनी होगी जो मंदिर निर्माण कराएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को दिया था फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर 9 नवंबर 2019 को फैसला सुनाया था. इसमें अदालत ने केंद्र सरकार को 3 महीने में एक ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया था. कोर्ट के मुताबिक अयोध्या में सरकार एक ट्रस्ट का निर्माण करेगी जो भव्य राम मंदिर को बनाने की जिम्मेदारी उठाएगी और अदालत ने मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही कहीं पर 5 एकड़ जमीन देने का प्रबंध करेगी.
अवधि पूरी होने में अब सिर्फ पांच दिन बचे
देश की शीर्ष अदालत ने सरकार को तीन महीने में राम मंदिर के लिए ट्रस्ट गठन का आदेश दिया था. नौ नवंबर की अवधि पूरी होने में अब सिर्फ पांच दिन बचे हैं. इसके बाद भी केंद्र सरकार ने अभी तक राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा नहीं की है. हिंदू पक्ष और संतों को बेसब्री से राम मंदिर का इंतजार है.
कई मुद्दों पर विचार कर रही सरकार
आपको बता दें कि राम मंदिर ट्रस्ट गठन की जिम्मेदारी सरकार के गृह मंत्रालय के पास है जो कई गंभीर विषयों पर मंथन कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट के मंदिर पर फैसले के बाद से सरकार वीएचपी, राम जन्मभूमि न्यास, सुन्नी वक्फ बोर्ड समेत सारे पक्षकारों से राय ले चुकी है. सरकार के लिए बड़ी चुनौती है कि कि वो राम मंदिर ट्रस्ट का अध्यक्ष किसे बनाए. इस एक पद के दर्जनों दावेदार हैं. दरअसल करीब तीन दशक पुराने राम मंदिर आंदोलन से देश के कई बड़े साधु-संत जुड़े रहे हैं. अब सरकार अगर किसी को किनारे करती है तब भी बड़ी मुश्किल होगी.
23 फरवरी को अयोध्या जाएंगे योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 23 फरवरी को अयोध्या जा रहे हैं. 35 महीने पहले मुख्यमंत्री बनने के बाद यह 19वां मौका होगा, जब मुख्यमंत्री के तौर पर वे रामनगरी आएंगे. इस बार उनके आगमन का उद्देश्य सुग्रीवकिला पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य की स्मृति में वैकुंठोत्सव है. मुख्यमंत्री 16 से 26 फरवरी तक प्रस्तावित वैकुंठोत्सव के क्रम में 23 फरवरी को होने वाले संत सम्मेलन में शिरकत करेंगे.
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