नई दिल्लीः मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा के दौरे में अपनी महिला समर्थकों से घिरे रहे और उन्हें गले लगा लिया और भावनाओं में बहकर रो पड़े. चौहान ने अपने कार्यकाल के दौरान महिला केंद्रित कई कल्याणकारी योजनाएं शुरु कीं. भोपाल से करीब 55 किलोमीटर दूर चौहान विदिशा के एक प्रसिद्ध हनुमान मंदिर जा रहे थे तब महिलाओं ने उन्हें घेर लिया और उनकी प्रशंसा में नारे लगाए. चौहान ने इस सप्ताह के प्रारंभ में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है. 


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महिलाओं ने गले लगाया
महिलाओं और लड़कियों ने उन्हें भैया और मामा कहकर गले लगा लिया. उन्होंने कहा कि वे उन्हें (मुख्यमंत्री के रूप में) वापस चाहते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री भी अपने आंसू नहीं रोक सके और उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि वह मध्य प्रदेश नहीं छोड़ रहे हैं. राज्य में 17 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कुल 230 सीट में से 163 जीतकर शानदार विजय हासिल की. इसके बाद भाजपा ने मंदिरों के शहर उज्जैन से तीन बार विधायक रहे मोहन यादव को राज्य का नया मुख्यमंत्री चुना. 


चौहान लगातार दौरे पर
लगभग दो दशकों तक मध्य प्रदेश की राजनीति पर हावी रहने वाले चौहान ने यादव को अपना उत्तराधिकारी चुने जाने के बाद 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे चौहान युग का अंत हो गया. चौहान (64) ने खुद इस साल का विधानसभा चुनाव सीहोर जिले के बुधनी से एक लाख से अधिक वोटों के रिकॉर्ड अंतर से जीता. उन्होंने 'लाडली बहना' जैसी ‘गेम-चेंजर’ योजना शुरू करके मध्य प्रदेश में भाजपा के पक्ष में स्थिति को मोड़ने की कोशिश की. लेकिन उनकी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में उन्हें मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश करने से परहेज किया था. 


लाडली बहना योजना का जादू
चौहान ने इस साल मार्च में लाडली बहना योजना शुरू की थी, जो पात्र महिलाओं को 1,250 रुपये मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करती है, और बाद में इस राशि को धीरे-धीरे बढ़ाकर 3,000 रुपये करने का वादा किया. राज्य की 2.72 करोड़ महिला मतदाताओं में से इस योजना में 1.31 करोड़ महिलाओं को शामिल किया गया. पिछले साल 17 मार्च को चौहान ने सबसे लंबे समय तक भाजपा के मुख्यमंत्री रहने का गौरव हासिल किया था. उन्होंने उस रिकॉर्ड को तोड़ दिया जो छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के नाम था. 


मुख्यमंत्री के रूप में अपने लगभग 18 साल लंबे कार्यकाल के दौरान, कांग्रेस शासन के 15 महीनों (दिसंबर 2018-मार्च 2020) को छोड़कर, चौहान ने खुद को एक शर्मीले, सरल और कमजोर राजनेता से व्यापक जन अपील वाले एक चतुर नेता में बदल लिया. उन्होंने मध्य प्रदेश में कल्याणकारी योजनाओं का नेतृत्व किया, जिसे कभी बीमारू राज्यों में गिना जाता था. उनके लोकलुभावन कार्यक्रमों जैसे 'लाडली लक्ष्मी योजना', 'मुख्यमंत्री कन्यादान योजना', 'मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना', स्कूली बच्चों के लिए साइकिल योजना आदि का कुछ अन्य राज्यों ने भी अनुकरण किया.


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