Muslim body criticises Uniform Civil Code:  समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन ने मंगलवार को कहा कि समान नागरिक संहिता मुसलमानों के पवित्र कुरान के सिद्धांतों के खिलाफ है. यह बयान तब आया जब मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में UCC विधेयक पेश किया. वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने भी इस कानून की आलोचना की है.


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हसन ने कहा, 'अगर यह कुरान में मुसलमानों को दी गई 'हिदायत' (निर्देश) के खिलाफ है तो हम इसका (यूसीसी विधेयक) पालन नहीं करेंगे. अगर यह 'हिदायत' के मुताबिक है तो हमें कोई दिक्कत नहीं है.'


ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारी सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि कुछ समुदायों को इससे छूट दी जाएगी. उन्होंने कहा, 'क्या इसके (यूसीसी) आने पर जितने भी कानून हैं उनमें एकरूपता आ जाएगी? नहीं, बिल्कुल एकरूपता नहीं होगी. जब आपने कुछ समुदायों को इससे छूट दे दी है तो एकरूपता कैसे हो सकती है? हमारी कानूनी समिति मसौदे का अध्ययन करेगी और उसके अनुसार निर्णय लेगी.'


UCC बिल का वादा भारतीय जनता पार्टी ने 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में किया था. जब विधेयक कानून बन जाएगा, तो यह विवाह, तलाक, विरासत आदि को नियंत्रित करने वाले व्यक्तिगत धार्मिक कानूनों की जगह ले लेगा. यानी तब किसी धर्म का अपना कोई रूल नहीं, पूरे राज्य में सिर्फ UCC के तहत ही काम होगा.


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