मॉस्को. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद रूस की यात्रा बेहद अहम मानी जा रही है. रूस इस ‘बेहद अहम यात्रा’ को लेकर उत्सुक है और वह इस यात्रा को रूस तथा भारत के संबंधों के लिए अति महत्वपूर्ण मानता है. इस संबंध में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के आधिकारिक आवास और कार्यालय ‘क्रेमलिन’ के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने शनिवार को यह बात कही है.


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पश्चिम की 'ईर्ष्या' का दावा
उन्होंने यह भी दावा किया कि पश्चिमी देश इस यात्रा को ‘ईर्ष्या’ से देख रहे हैं. बता दें कि पुतिन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और वह आठ और नौ जुलाई को मॉस्को में रहेंगे. भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि दोनों नेता दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों की संपूर्ण समीक्षा करेंगे और आपसी हितों के समकालीन क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे.


क्या बोले पेस्कोव
अब पेस्कोव ने रूस के सरकारी टेलीविजन से कहा है कि मॉस्को में दोनों नेता अन्य कार्यक्रमों के अलावा अनौपचारिक बातचीत भी करेंगे. पेस्कोव ने कहा-जाहिर है कि अगर इसे अति व्यस्त न भी कहा जाए तो भी एजेंडा व्यापक होगा. यह एक आधिकारिक यात्रा होगी और हमें उम्मीद है कि दोनों नेता अनौपचारिक तरीके से भी बातचीत कर सकेंगे.


रूस ने कहा है कि उसके भारत के साथ संबंध रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर हैं. पेस्कोव के हवाले से एक समाचार एजेंसी ने कहा-हम एक अति महत्वपूर्ण यात्रा की उम्मीद कर रहे हैं जो रूस-भारत संबंधों के लिए बहुत अहम है. पश्चिमी देश प्रधानमंत्री मोदी की आगामी रूस यात्रा पर ‘करीब से और ईर्ष्या से नजर रख रहे हैं.’ वे ईर्ष्यालु हैं, इसका मतलब है कि वे इस पर करीब से नजर रख रहे हैं. उनकी करीबी निगरानी का मतलब है कि वे इसे बहुत महत्व देते हैं.


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