प्याज खरीदने के सरकारी निर्णय से गदगद किसान, बोले-बस एक काम और कर दो...
प्याज की कीमतों को कंट्रोल में रखने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की किसान तारीफ कर रहे हैं. सरकार ने बफर स्टॉक 2 लाख मीट्रिक टन बढ़ा दिया है. ऐसे में नेफेड किसानों से प्याज की खरीद कर रहा है.
नई दिल्ली. केंद्र सरकार द्वारा प्याज की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए उठाए गए कदमों ने किसानों को खुश कर दिया है. नाशिक के प्याज किसानों का कहना है कि NAFED द्वारा प्याज की खरीद किया जाना स्वागत योग्य कदम है. एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में नाशिक के किसान सुनील हरिबाबू ने कहा-'मैं इस निर्णय के लिए केंद्र सरकार का शुक्रिया अदा करता हूं. सरकार द्वारा अभी A ग्रेड प्याज की खरीद की जा रही है. लेकिन किसानों के पास बी और सी ग्रेड के प्याज भी मौजूद हैं. उन्हें इसके बारे में भी विचार करना चाहिए. सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत टैक्स लगाया है. सरकार को इसे कम करने के बारे में भी विचार करना चाहिए. इससे व्यावसायी भी प्याज खरीदने को लेकर विचार कर सकते हैं.'
40 प्रतिशत निर्यात शुल्क
बता दें कि प्याज की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने बीते शनिवार को प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया था. यह निर्यात शुल्क पहली बार लगाया गया है. प्याज खुदरा मूल्य 37 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया था. वित्त मंत्रालय द्वारा यह निर्यात शुल्क 31 दिसंबर 2023 तक के लिए लगाया गया है. यानी इस साल अब प्याज पर निर्यात शुल्क लगा रहेगा. भारत से प्याज के शीर्ष आयातक देश बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात हैं.
2 लाख टन बढ़ाया गया बफर स्टॉक
इसके अलावा सरकार ने 3 लाख मीट्रिक टन के प्रारंभिक खरीद लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद इस साल प्याज का बफर स्टॉक बढ़ाकर 5 लाख मीट्रिक टन कर दिया है. साथ ही अब खुदरा दुकानों के साथ-साथ सस्ते प्याज की बिक्री के लिए ई-कॉमर्स मंचों को भी शामिल कर लिया गया है.
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ को अतिरिक्त खरीद लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक को 1 लाख टन की खरीद करने का निर्देश दिया है. वहीं सरकार की तरफ से NCCF की खुदरा दुकानों और मोबाइल वैन के माध्यम से खुदरा उपभोक्ताओं को 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर भी उपलब्ध कराया जा रहा है.
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