NCRB: साल 2021 में 1 लाख 64 हजार लोगों ने की आत्महत्या, 37 प्रतिशत लोग महाराष्ट्र से
दिहाड़ी मजदूरों, स्वरोजगार से जुड़े लोगों, बेरोजगारों और कृषि क्षेत्र से संबद्ध लोगों ने 2021 में सर्वाधिक संख्या में आत्महत्या की. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
नई दिल्ली: दिहाड़ी मजदूरों, स्वरोजगार से जुड़े लोगों, बेरोजगारों और कृषि क्षेत्र से संबद्ध लोगों ने 2021 में सर्वाधिक संख्या में आत्महत्या की. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. उल्लेखनीय है कि 2021 कोविड-19 महामारी का वर्ष था.
साल 2021 में 45 हजार महिलाओं ने की आत्महत्या
एनसीआरबी की एक नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में 2021 में कुल 1,64,033 लोगों ने आत्महत्या की. रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ 2021 में 1,18,979 पुरुषों ने आत्महत्या की, जिनमें से 37,751 दिहाड़ी मजदूर, 18,803 स्वरोजगार से जुड़े लोग और 11,724 बेरोजगार शामिल थे.’’ आंकड़ों के अनुसार, 2021 में 45,026 महिलाओं ने आत्महत्या की.
इन राज्यों में किसी किसान ने नहीं की आत्महत्या
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, कृषि क्षेत्र से संबद्ध 10,881 लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें से 5,318 किसान और 5,563 खेत मजदूर थे. 5,318 किसान में से 5107 पुरुष और 211 महिलाएं थीं. 5,563 खेत मजदूरों में से 5,121 पुरुष तथा 442 महिलाएं थीं.
आंकड़ों के अनुसार, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, त्रिपुरा, मणिपुर, अरूणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, चंडीगढ़, लक्षद्वीप और पुडुचेरी जैसे कुछ राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में किसी किसान या खेत मजदूर ने आत्महत्या नहीं की.
आत्महत्या करने वाले 1 लाख से अधिक लोगों की इतनी थी आय
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, कृषि क्षेत्र से जुड़े सर्वाधिक संख्या में, 37.3 प्रतिशत लोगों ने महाराष्ट्र में आत्महत्या की. इसके बाद, कर्नाटक (19.9 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (9.8 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (6.2 प्रतिशत) और तमिलनाडु (5.5 प्रतिशत) का स्थान है. आंकड़ों के अनुसार, 2021 में आत्महत्या करने वाले 1,64,033 लोगों में निजी क्षेत्र के उद्यमों में कार्यरत 7.0 प्रतिशत यानी 11,431 लोग थे, जबकि 1.2 प्रतिशत यानी 1,898 सरकारी कर्मचारी थे.
स्वरोजगार से जुड़े 20,231 लोगों ने आत्महत्या की. रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में आत्महत्या करने वाले 1,05,242 लोगों की वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम थी, जबकि 51,812 लोग एक लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक की वार्षिक आय वर्ग के थे.
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