नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद सहित केंद्र शासित प्रदेश में कांग्रेस के करीब 64 वरिष्ठ नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के समर्थन में मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. इन नेताओं ने अपना संयुक्त त्याग पत्र कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा है.
कांग्रेस नेताओं ने पार्टी को दिया झटका
प्रेस कॉन्फ्रेंस में ताराचंद, पूर्व मंत्री अब्दुल माजिद वानी, मनोहर लाल शर्मा, घरु राम और पूर्व विधायक बलवान सिंह सहित अन्य नेताओं ने कांग्रेस से अपने इस्तीफे की घोषणा की. गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद (73) ने कांग्रेस से अपना नाता तोड़ लिया. वह पार्टी से पांच दशक तक जुड़े रहे.
उन्होंने दावा किया था कि पार्टी 'व्यापक रूप से नष्ट' हो चुकी है. आजाद ने इसके पूरे परामर्श तंत्र को कथित तौर पर 'ध्वस्त' करने के लिए राहुल गांधी की आलोचना की थी.
बलवान सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में त्याग पत्र पढ़ते हुए कहा, 'हम दशकों से पार्टी से जुड़े हुए थे और अपनी पूरी ऊर्जा और संसाधन जम्मू कश्मीर में पार्टी का विस्तार करने में लगाया, लेकिन दुर्भाग्य से हमने पाया कि जिस तरह का व्यवहार किया जा रहा है वह अपमानजनक है.'
गुलाम नबी आजाद के साथ खड़े हैं सभी नेता
इस पत्र पर कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई के 64 नेताओं और वरिष्ठ पदाधिकारियों ने हस्ताक्षर किए हैं. पत्र में कहा गया है,'हमारे नेता और पथप्रदर्शक गुलाम नबी आजाद ने आपको (सोनिया गांधी को) लिखे पत्र में मुद्दों को गिनाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. हमारा मानना है कि हमें भी कांग्रेस से बाहर चले जाना चाहिए ताकि एक सकारात्मक राजनीतिक समाज निर्मित करने में कुछ उपयोगी योगदान दे सकें, जहां लोगों की बात सुनी जाए और जवाब भी दिया जाए.'
आजाद ने घोषणा की है कि वह जल्द ही वह जम्मू कश्मीर में एक पार्टी गठित करेंगे जो राष्ट्रीय स्तर की होगी. पार्टी की प्रदेश इकाई के नेताओं ने इस्तीफा पत्र में कहा, 'हम सभी आजाद का समर्थन करते हैं और जम्मू कश्मीर को उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाने में उनके साथ होंगे.'
'गुलाम नबी आजाद से लोगों को हैं उम्मीदें'
बलवान सिंह ने दावा किया कि एक निर्वाचित सरकार की अनुपस्थिति में जम्मू कश्मीर अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा कि आजाद का यहां से राष्ट्रीय स्तर की पार्टी गठित करने के फैसले से सभी के लिए चीजों को ठीक करने की प्रेरणा मिलेगी. उन्होंने कहा, 'हमें भरोसा है कि जम्मू कश्मीर एक बार फिर से आजाद के नेतृत्व में पूर्ण राज्य का दर्जा वापस प्राप्त करने में सफल होगा.'
बलवान सिंह ने कहा कि आजाद लोगों के लिए जम्मू कश्मीर में क्षेत्रों और समुदायों के बीच दूरी मिटाने की एकमात्र उम्मीद हैं. उन्होंने कहा, 'हम आश्वस्त हैं कि उनके (आजाद के) दृष्टिकोण से जम्मू कश्मीर के लोगों को एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करने में मदद मिलेगी.'
आजाद के समर्थन में पहले ही पूर्व मंत्री और विधायकों सहित कांग्रेस के करीब एक दर्जन प्रमुख नेता पार्टी छोड़ चुके हैं. इनके अलावा सैकड़ों पंचायती राज संस्थाओं के सदस्यों, नगर निकाय पार्षदों, जिला और ब्लॉक स्तर के नेताओं ने भी आजाद का समर्थन करते हुए पार्टी छोड़ दी है.
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