नई दिल्ली. भारत के नए सेना प्रमुख ने आते ही पकिस्तान को चेतावनी दे दी है. उन्होंने दो टूक शब्दों में पकिस्तान को अपने आतंकी ठिकाने बंद करने की बात कही और ये भी बताया कि यदि वह ऐसा नहीं करता है तो भारत की सेना के पास पकिस्तान में हमले का अधिकार सुरक्षित है.


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''आतंकवाद स्टेट पालिसी है पाकिस्तान की''


बिना शब्दों का आगा-पीछा देखे भारत के नए थल सेनाध्यक्ष ने सीधी चेतावनी दे दी है पकिस्तान को. जनरल नरवणे लगभग साढ़े चार दशक के अपने सेना-काल में आतंकवाद ग्रस्त जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में आतंक के खिलाफ अपनी सेवायें देने के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने आतंकवाद विरोधी अपने कार्यकाल के अनुभवों को ध्यान में रख कर पकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब किया और कहा कि 'अगर हम अपने इस पड़ोसी देश की बात करें तो कहना ही होगा कि वह आतंकवाद को अपनी स्टेट पॉलिसी के रूप में इस्तेमाल करते हुए भारत के विरुद्ध छद्म युद्ध चला रहा है. 


सेना को हर समय हर हमले के लिए सतर्क रहना होगा 


थल सेनाध्यक्ष के तौर पर अपने नए उत्तरदायित्व के निर्वहन को लेकर बातचीत में उन्होंने कहा कि आतंकी घुसपैठ के लिए पकिस्तान निरंतर सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है. इस स्थिति को ध्यान में रख कर थल सेना का मुख्य फोकस फोकस थल सेना को किसी भी समय किसी भी खतरे का सामना करने के लिए तैयार करना है. 



''पाकिस्तान को राज्य-प्रायोजित आतंकवाद रोकना होगा''


भारतीय थल सेना के नए मुखिया मनोज मुकुंद नरवणे ने पकिस्तान की आतंकी रणनीति के प्रति अपनी  गंभीरता को शब्द प्रदान किये. उन्होंने सीधे तौर पर पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि पकिस्तान ने सरकार-प्रायोजित आतंकवाद को नहीं रोका, तो उसे जान लेना चाहिए कि भारत की सेना के पास सावधानी को लक्ष्य में रख कर उनकी सीमा के भीतर स्थिति आतंकी अड्डों पर आक्रमण करने का अधिकार है. 


''उकसावे में भी नहीं आएंगे''


जनरल बिपिन रावत के नए उत्तराधिकारी और देश की थल सेना के नए अध्यक्ष के तौर पर अपनी प्राथमिकताओं के बारे में बताते हुए जनरल नरवणे ने स्पष्ट किया कि भारतीय सेना पाकिस्तान के उकसावे में नहीं आएगी लेकिन उसके पास पाकिस्तान सरकार द्वारा संचालित आतंकवाद के हर कदम का जवाब देने के लिए बहुत से विकल्प हैं. अब अधिक समय तक यह पाकिस्तानी छद्म युद्ध जारी नहीं रह पायेगा. 


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