नई दिल्ली: भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी के बाहर विस्फोटक से भरी कार मिलने के मामले में एक नया मोड़ आया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पहले इस मामले की जांच में शामिल रहे मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वझे को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया है.


NIA का दावा है कि सचिन अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से भरी कार प्लांट करने के मामले में शामिल थे. 


कोर्ट ने नहीं मिली अग्रिम जमानत


NIA के अधिकारियों ने शनिवार को मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वझे को अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से भरी कार प्लांट करने के मामले में गिरफ्तार किया है. पहले वह इस मामले की जांच टीम में शामिल थे. 


महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में सचिन वझे पर एंटीलिया मामले में शामिल होने के आरोप लगाए थे. 


विधानसभा में सवाल उठने के बाद सचिन को मुंबई पुलिस की अपराध गुप्तचर इकाई से हटाकर नागरिक सुविधा केंद्र में ट्रांसफर कर दिया गया था. 



शनिवार को NIA ने वझे को IPC की धारा 286, 465, 473, 506(2), 120 B और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 की धारा 4(a)(b)(I) के तहत गिरफ्तार किया गया है. 


उन पर अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से भरी कार प्लांट करने के मामले में संगीन आरोप लगे हैं.


इससे पहले उद्योगपति मनसुख हिरेन की मौत के मामले में भी ATS और NIA ने सचिन से पूछताछ की थी. सचिन ने ठाणे की सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. 


यह भी पढ़िए: QUAD Vaccine Initiative: भारत की बड़ी सफलता, हैदराबादी कंपनी बनाएगी कोरोना वैक्सीन के 100 करोड़ डोज


पहले भी सुर्खियों में रहे हैं सचिन वझे
 


महाराष्ट्र पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पद पर भर्ती हुए सचिन वझे आगे चलकर मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में मशहूर हुए. 


उन्होंने अपनी सर्विस के दौरान अंडरवर्ल्ड से जुड़े कई बड़े गैंगस्टर्स का एनकाउंटर किया है. 


सचिन वझे अब तक पांच दर्जन से अधिक अपराधियों को मौत के घाट उतार चुके हैं. 


साल 2004 में, घाटकोपर बम धमाके मामले में आरोपी युनुस खान की कस्टडी में मौत के मामले में सचिन को 14 पुलिसकर्मियों सहित सस्पेंड कर दिया गया था. सचिन ने साल 2007 में फिर से पुलिस सेवा में शामिल होने के लिए आवेदनकिया था, लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने उनकी अर्जी को नामंजूर कर दिया था.


इसके बाद वे शिवसेना के दामन थामकर राजनीति में उतरे. शिवसेना के सत्ता में आते ही साल 2020 में सचिन को पुलिस में फिर से बहाल कर दिया गया. 


यह भी पढ़िए: पत्रकारों के साथ मारपीट मामले में अखिलेश यादव सहित 20 के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.