संसद की Canteen में अब नहीं मिलेगा Subsidy वाला खाना
29 जनवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र से पहले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने संसद की Canteen में खाने पर सब्सिडी खत्म करने का एलान किया है. सब्सिडी खत्म होने से लोकसभा सचिवालय को सालाना आठ करोड़ रूपए की बचत होगी.
नई दिल्ली: संसद (Parliament) की Canteen में मिलने वाला सस्ता खाना हमेशा से चर्चा का विषय रहा है. अभी तक संसद की Canteen में सभी सांसदों और संसद में काम करने वाले कर्मचारियों को खाने पर सब्सिडी मिलती थी. लोकसभा स्पीकर ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि संसद की Canteen में मिलने वाली सब्सिडी अब खत्म की जा रही है.
अब ITDC करेगी संचालन
अभी तक Parliamanet Canteen का संचालन रेलवे के अधीन था. परंतु अब इस Canteen का संचालन भारतीय पर्यटन विकास कॉर्पोरेशन (ITDC) करेगा. ITDC पांच सितारा होटल अशोक का संचालन भी करती है.
खाने पर मिलने वाली सब्सिडी को लेकर देशभर में दो साल पहले चर्चा हुई थी. इसके बाद इसपर विचार करते हुए संसद की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी ने इसे खत्म पर अपनी सहमति जाहिर की थी. अब से Canteen में मिलने वाला खाना ITDC द्वारा निर्धारित मूल्यों पर ही मिलेगा. ये मूल्य खाना तैयार होने में लगने वाली लागत के आधार पर तय किए जाएंगे.
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सालाना आठ करोड़ रुपये की होगी बचत
संसद की Canteen में दी जाने वाली सब्सिडी के कारण हर साल लोकसभा सचिवालय को करोड़ों रूपए का नुकसान होता था. अब सब्सिडी खत्म होने के बाद लोकसभा सचिवालय ने लगभग आठ करोड़ रुपये की बचत होने का अनुमान लगाया है. साल 2015 में तत्कालीन लोकसभा स्पीकर ने Canteen को no-profit-no-loss के आधार पर चलाने के एक सुझाव पर मुहर लगाई थी. जिसके बाद से Canteen में मिलने वाले खाने के मूल्य में वृद्धि हुई थी. इस फैसले के आने से पहले Canteen में दाल का मूल्य मात्र 2 रुपये था और चिकन करी मात्र 29 रुपये में मिलती थी. अभी Canteen में चिकन करी 50 रुपये में, फ्रूट सलाद 10 रुपये में, वेज थाली 35 रुपये और मसाला डोसा मात्र 20 रुपये में मिलता है. एक आरटीआई में हुए खुलासे से यह जानकारी सामने आई कि साल 2015 में रेलवे Canteen को 60.7 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की गई थी.
सासदों की होगी कोरोना जांच
लोकसभा स्पीकर ने मंगलवार को जानकारी देते हुए यह भी बताया कि 29 जनवरी से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के सभी सांसदों का RT-PCR टेस्ट किया जाएगा. इसके अलावा सांसदों के परिवारजनों तथा संसद में कार्यरत सभी कर्मचारियों के कोरोना टेस्ट की व्यवस्था भी की जाएगी. संसद के भीतर यदि किसी भी सांसद अथवा कर्मचारी को कोरोना से संबंधित कोई परेशानी होती है, तो उनके लिए संसद के निकट स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एक आपातकालीन वार्ड की व्यवस्था भी की गई है. संसद सत्र के पहले चरण में लोकसभा में 12 बैठकें तथा दूसरे चरण में 21 बैठकें आयोजित की जाएंगी. लोकसभा स्पीकर ने यह भी बताया कि संसद सत्र से के दौरान एक घंटे का प्रश्नकाल भी होगा.
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