WhatsApp Update: प्राइवेसी पॉलिसी पर भारत ने पूछे 14 बड़े सवाल

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (IT Ministry) ने WhatsApp के CEO को पत्र लिखा है. इसके जरिए भारतीय यूजर्स के लिए नई प्राइवेसी पॉलिसी वापस लेने की मांग की गई है. नई पॉलिसी लाने की टाइमिंग पर भी सवाल उठाए.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 20, 2021, 04:25 PM IST
  • 'गोपनीयता शर्तों में बदलाव वापस ले WhatsApp'
  • WhatsApp के CEO को केंद्र सरकार की चिट्ठी
  • प्राइवेसी पॉलिसी पर केंद्र सरकार का सख्त रुख
  • नई पॉलिसी पर WhatsApp के CEO से जवाब मांगा
WhatsApp Update: प्राइवेसी पॉलिसी पर भारत ने पूछे 14 बड़े सवाल

नई दिल्ली: भारत के सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्री ने कड़े शब्दों में Whatsapp के नए प्राइवेसी चेंज पर इसके सीईओ के सामने प्राइवेसी को लेकर मजबूती से चिंता व्यक्त की है. भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) ने WhatsApp के CEO विल कैथर्ट (Will Cathcart) को पत्र लिखा है. सरकार ने व्हाट्सएप्प को अपनी प्राइवेसी पॉलिसी को Withdraw करने को कहा है.

भारत ने Whatsapp को लिखा पत्र

भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफर्मेशन टेक्नालॉजी मिनिस्ट्री ने WhatsApp के सीईओ विल कैथर्ट (Will Cathcart) को पत्र लिखा है कहा कि भारतीय यूजर्स के लिए नई टर्म्स ऑफ सर्विस और प्राइवेसी पॉलिसी को वापस लिया जाए. मंत्रालय ने यूजर्स की इंफर्मेशन सिक्योरिटी पर सवाल उठाया और कहा कि चैट का डेटा बिजनेस अकाउंट से शेयर करने से फेसबुक की अन्य कंपनियों को यूजर्स के बारे में सारी सूचनाएं मिल जाएंगी. इससे उनकी सुरक्षा को खतरा हो सकता है.

मंत्रालय के मुताबिक व्हाट्सऐप का यह कहना है कि या तो मानिए या फिर छोड़िए, यूजर्स को नई टर्म्स को मानने पर मजबूर कर रहा है. इसमें उन्हें इनकार करने की गुंजाइश नहीं है. सरकार ने व्हाट्सऐप को सुप्रीम कोर्ट के 2017 फैसले में आए प्राइवेसी नियमों को बारे में ध्यान दिलाया. मंत्रालय ने पूछा कि ऐसे समय जब भारतीय संसद में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल पर चर्चा चल रही है, व्हाट्सऐप यह नीति क्यों लाया? यह बिल संयुक्त संसदीय समिति के पास विचाराधीन है. इसमें डेटा के लिए परपज लिमिटेशन का प्रावधान है. यानी कंपनी जिस काम के लिए यूजर का डेटा ले रही है केवल उसी के लिए इस्तेमाल कर सकती है.

इसके लिए यूजर की सहमति आवश्यक है. इस बिल के पारित होने पर भारतीय यूजर्स के डेटा को फेसबुक की अलग कंपनियों से शेयर करने से व्हाट्सऐप इस नियम का पालन नहीं कर सकेगा.

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इसके साथ ही भारतीय सरकार ने मैसेंजिग ऐप से डाटा साझा करने और इसके बिजनेस प्रैक्टिस पर कई सवाल पूछे हैं. इसके साथ ही यह भी पूछा गया है कि क्या व्हाट्सएप भारतीय उपयोगकर्ताओं की प्रोफाइल की जांच करता है, और यह ऐप मोबाइल डिवाइस पर चलने वाले अन्य ऐप के बारे में जानकारी देता है.

IT मंत्रालय ने पूछे 14 सवाल

1. व्हाट्सऐप एप्लिकेशन भारतीय उपयोगकर्ताओं से एकत्रित डेटा की सटीक श्रेणियों का खुलासा करता है?
2. व्हाट्सऐप द्वारा मांगी गई अनुमतियों और उपयोगकर्ता की सहमति का विवरण दें और इसके साथ ही प्रत्येक यूजर को इसकी उपयोगिता और प्रदान की गई? विशिष्ट सेवा के संबंध में जानकारी दें.
3. क्या व्हाटसऐप अपने उपयोग के आवेदन के आधार पर भारतीय उपयोगकर्ताओं की प्रोफाइलिंग करता है? प्रोफाइलिंग की किस प्रकृति का संचालन किया जाता है.
4. व्हाटसऐप की प्राइवेसी को लेकर भारत और अन्य देशों में क्या अंतर है?
5. डाटा सक्यूरिटी पॉलिसी, सूचना सुरक्षा, साइबर सेक्यूरिटी, प्राइवेसी पॉलिसी और एन्क्रिप्शन पॉलिसी की पूरी जानकारी दें.
6. क्या व्हाटसऐप किसी बिजनेस ऐप या इसी से जुड़ी कंपनी के साथ डाटा शेयर करता है. इन ऐप्स के व्यावसायिक इकाइयों, संबंधित कंपनियों का डेटा शेयर करें.
7. क्या व्हाटसऐप उन दूसरे ऐप्स की भी जानकारी साझा करती है जो यूजर अपने मोबाइल में चलाता है. यदि हां तो कौन-सी जानकारी ऐप द्वारा कैप्चर की जा रही है और किस उद्देश्य से इसे एकत्र किया जा रहा है और इसका क्या उपयोग किया जा रहा है?
8. भारतीय उपयोगकर्ताओं का डेटा प्रसारित या होस्ट जिस सर्वर से किया जाता है? उसका विवरण दें.
9. क्या कंपनी या एप्लिकेशन किसी थर्ड पार्टी को कोई एक्सेस दिया है जिससे वह व्हाटसऐप यूज कर रहे उपयोगकर्ता की पर्सनल जानकारी साझा करती है? यदि हां तो उन विवरणों को साझा करें.
10. क्या ऐप उपयोगकर्ता डेटा को क्षति पहुंचाता है? क्या कंपनी ने किसी भी देश में उपयोगकर्ता के डेटा की कटाई के लिए किसी भी कार्रवाई का सामना किया है?

इसके अलावा केंद्र सरकार ने 4 अन्य सवाल भी पूछे, आईटी मिनिस्ट्री ने व्हाट्सऐप के नई पॉलिसी को समाप्त करने के लिए कहा है. जिसमें उनके सभी या कुछ भी नहीं वाले दृष्टिकोण को झुठलाया गया है और कहा है कि यह ऐप उपयोगकर्ताओं को एक सौदेबाजी के लिए मजबूर करने के तौर पर काम कर रहा है.

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