अब बंदरगाहों पर लड़ा जा रहा है भारत-चीन `युद्ध`, उत्पादों की हो रही है सख्त जांच
भारत-चीन सीमा विवाद बढ़ने के बाद चीन से आयातित माल को बंदरगाहों पर रोककर सख्त जांच-पड़ताल की जा रही है. भारतीय सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों ने खुफिया जानकारियों के आधार पर चीन से आने वाले सामानों की सभी खेपों का भौतिक निरीक्षण शुरू कर दिया है.
नई दिल्लीः लद्दाख सीमा चीन से हुए तनाव का असर अब बंदरगाहों पर दिख रहा है. भारत के बंदरगाहों में चीन से आए सामानों की जांच अचानक बढ़ गई है. इस कार्रवाही के खिलाफ ड्रैगन ने भी हांगकांग के बंदरगाहों में भारतीय उत्पादों को रोक लिया है. गलवान घाटी की घटना के बाद चीन को हर मोर्चे पर घेरा जा रहा है. आयात-निर्यात की स्थिति के साथ इसकी शुरुआत की गई है.
भारत-चीन सीमा विवाद बढ़ने के बाद चीन से आयातित माल को बंदरगाहों पर रोककर सख्त जांच-पड़ताल की जा रही है. भारतीय सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों ने खुफिया जानकारियों के आधार पर चीन से आने वाले सामानों की सभी खेपों का भौतिक निरीक्षण शुरू कर दिया है.
अधिकारी कर रहे हैं सख्त जांच
सरकारी सूत्रों की ओर से बताया गया कि इस मामले में प्रत्यक्ष तौर कोई औपचारिक, लिखित या मौखिक आदेश नहीं है, लेकिन भारतीय सीमा शुल्क प्राधिकरण चीन से आने वाली हर उस खेप का विशेष निरीक्षण कर रहा है, जो किसी भी हवाई अड्डे या बंदरगाह पर पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा कि अधिकारी दस्तावेज, माल और मूल्यांकन की जांच कर रहे हैं.
चीने ने भी उठाए हैं कड़े कदम
बंदरगाहों पर उठाए गए इस कदम के बाद चीन में भी भारतीय निर्यातकों के साथ जवाबी कार्रवाई करने बात सामने आ रही है. शिकायतें मिल रही हैं कि भारतीय निर्यातकों की खेपों को हांगकांग में रोका गया है.
भारतीय निर्यातकों के निकाय फिओ ने मुंबई और चेन्नई बंदरगाह पर भारतीय अधिकारियों द्वारा की जा रही कार्रवाई के जवाब में हांगकांग और चीन के बंदरगाहों पर अपनी खेप रोके जाने पर चिंता व्यक्त की है.
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