नई दिल्ली. अब वक्त आ गया है कि चीन आंखे खोले और देखे कि किससे दुश्मनी ले ली है उसने. शांति का विश्वदूत भारत अब शक्ति का विश्वरूप बन रहा है और दुनिया देखेगी कि भारत की शांति का श्वेत ध्वज कितनी घनघोर रक्त वर्षा करेगा एक दानव देश पर और यह एक अभूतपूर्व व अनपेक्षित मन्जर होगा जो दुनिया ने पहले कभी न  देखा होगा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


 


सतर्क हो जाओ चीनी बौनों


भारत अब शत्रुहन्ता रूप धारण कर रहा है, अतएव सतर्क हो जाओ चीन. भारत ने 33 लड़ाकू विमानों को खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और उसने इस तरह उसने दुश्मन के धुर्रे बिखेरने की पूरी तैयारी का मन बना लिया है. लगभग नब्बे दिनों से एलएसी पर चल रहे भारत-चीन सीमा विवाद अपने गंभीरतम स्तर को छू रहा है.


रूस से ले रहे हैं जंगी विमान


रूस से इतनी बड़ी संख्या में जंगी विमानों की खरीद को अनुमति मिलने से एक तरफ तो रूस अब भारत के विरोध में नहीं जायेगा दूसरी तरफ चीन का रूस से प्रेम कम हो जायेगा. साथ ही इन 33 लड़ाकू विमानों की खरीद को भारत के रक्षा मंत्रालय द्वारा स्वीकृति दिये जाने ने चीन की परेशानी बहुत बढ़ा दी है. 



 


अठारह हजार करोड़ के विमान हैं ये


रक्षा मन्त्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत की रूस से हो रही इस जंगी विमानों की जील की कुल कीमत 18,148 करोड़ रुपये है. इन 33 लड़ाकू विमानों में 21 मिग-21 एस और 12 सुखोई 30एमकेआईएस लड़ाकू विमान सम्मिलित हैं जबकि 59 मौजूदा मिग-21 एस को भी समानांतर रूप से अपग्रेड भी किया जाने वाला है.


ये भी पढ़ें. टू फ्रंट वार में बेमौत मारा जायगा पाकिस्तान