नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने सरकारों से कहा है कि वे हर गणतंत्र दिवस पर पिछले एक वर्ष के दौरान किए गए अपने वादों और संकल्पों पर अपनी प्रगति रिपोर्ट जनता के सामने पेश करें ताकि यह दिवस रस्म अदायगी बनकर नहीं रह जाये. मायावती ने बृहस्पतिवार को गणतंत्र दिवस की बधाई दी. साथ ही कामकाज के मामलों में सरकारों पर तंज भी किया. 


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'हर गणतंत्र दिवस पर वादों की इकस रिपोर्ट पेश करे सरकार': मायावती


मायावती ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकारें भी सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की पवित्र भावना से काम करके देश को आगे बढ़ाकर विश्व गुरु बनाएं. मायवती ने कहा कि इसके लिए बहुत जरूरी है कि वे हर साल इस मौके पर पूरी ईमानदारी से स्वंय अपना आकलन करके लोगों को जरूर बतायें कि उन्होंने गत एक वर्ष के दौरान किये गये अपने वादों व संकल्पों को कितना निभाया है. 


यानी वे विकास रिपोर्ट जरूर दें ताकि जनता में आत्मविश्वास व उत्साह का संचार हो और साथ ही गणतंत्र दिवस समारोह केवल रस्म अदायगी बनकर न रह जाए. बसपा प्रमुख ने कहा कि वास्तव में जनहित व विकास के सरकारी दावों और जमीनी हकीकत में काफी अधिक अन्तर होने से ही जनता व सरकार के बीच अविश्वास बढ़ता जा रहा है. पहले यह हाल कांग्रेस की सरकार में था जो अब भाजपा की सरकार में भी लगातार जारी है, यह अति-दुःखद है. 


पूर्व मुख्यमंत्री ने देश के आर्थिक हालातों को लेकर उठाए सवाल


उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के लगभग 100 करोड़ लोगों को सम्मानजनक रोजी-रोजगार के अभाव में सरकारी अनाज पर ही निर्भर हो जाना यह साबित करता है कि देश के लोगों की आर्थिक हालत बेहतर होने के बजाय बिगड़ी है तथा विकास का सरकारी दावा ज्यादातर हवा-हवाई और छलावा है. उन्होंने सवाल किया कि भारत के विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का देश की आम जनता की जिंदगी पर क्या कोई बेहतर असर पड़ रहा है, क्या देश की पूंजी बढ़ रही है, क्या लोगों की क्रय शक्ति बढ़ रही है. 


मायावती ने कहा कि सरकार जनता से कदम-कदम पर अधिक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) वसूल करने को ही सफलता मानकर चल रही है, जबकि मुट्ठी भर लोगों को छोड़कर देश की बाकी जनता गरीबी, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त है. उन्होंने कहा कि देश के लगभग 125 करोड़ अति-गरीबों की अमीर सरकार बनकर सरकार आखिर क्या साबित करना चाहती है, यह आज गणतंत्र दिवस पर जरूर सोचने वाली बात है. 


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