कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और पश्चिम बंगाल में पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक कैलाश विजयवर्गीय के काफिले को पश्चिम बंगाल के नवग्राम इलाके में भीड़ ने घेर लिया. कैलाश विजयवर्गीय ने चारो ओर से अपनी गाड़ी लोगों से घिरे होने के बाद पुलिस को फोन किया लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला. उन्होंने एसपी और डीजी को भी फोन किया लेकिन कोई असर नहीं हुआ. कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जिस तरह से भीड़ ने मुझे घेर लिया था उससे मेरी जान को भी खतरा उत्पन्न हो गया था.


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'पश्चिम बंगाल में ममता की नहीं अराजकता की सरकार'



बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में अराजक सरकार के रहते कुछ भी हो सकता है, यहां किसी की जान सुरक्षित नहीं है. बता दें कि बाद में उनके सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें किसी तरह सुरक्षित बाहर निकाल लिया. कैलाश विजयवर्गीय मुर्शिदाबाद जा रहे थे. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि विपक्ष के नेताओं की जान सुरक्षित नहीं कही जा सकती.


प्रशासन कर रहा परेशान


बंगाल में कैलाश विजयवर्गीय ने अपने दूसरे ट्वीट में बताया कि आज मुर्शिदाबाद का अधिकांश रास्ता ट्रकों के कारण बंद है. ये स्वाभाविक जाम नहीं है, बल्कि प्रशासन ने हमारे रास्ते को रोकने के लिए ट्रकों को रुकवा दिया है. ये सीधे-सीधे सरकार की साजिश है कि हम समय पर मुर्शिदाबाद न पहुंच पाएं. ममता सरकार में विपक्ष को लगातार निशाना बनाया जा रहा है.



भाजपा के अलावा सभी विरोधी दल मूकदर्शक


पश्चिम बंगाल में हा रही राजनीति हिंसा की शिकार केवल भाजपा ही नहीं है. इसमें कांग्रेस और लेफ्ट के भी कई कार्यकर्ताओं की हत्या की गयी है. इसके बावजूद भाजपा से आपसी मतभेदों के चलते कांग्रेस के नेता अपने कार्यकर्ताओं की मौत पर भी चुप्पी साधे रहते हैं. लेफ्ट के लोग ममता सरकार का विरोध करने के बजाय उनके प्रवक्ताओं की तरह ममता बनर्जी का बचाव करते हैं.


शिवराज सिंह चौहान ने भी साधा निशाना


कैलाश विजयवर्गीय को मुर्शिदाबाद नहीं जाने देने की साजिश पर शिवराज सिंह चौहान ने भी बंगाल सरकार पर हमला बोलते हए कहा कि गुंडे-बदमाशों को ममता दीदी का विशेष संरक्षण प्राप्त है. बंगाल में एक जनप्रतिनिधि की सुरक्षा के यदि ये हाल हैं तो आम जनता की सुरक्षा तो भगवान भरोसे ही होगी. इस घटना के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि विपक्ष के नेताओं की जान सुरक्षित नहीं कही जा सकती.


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