कोलकाता. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने इंट्रा-स्टेट 'पीस ट्रेन' शुरू करने के लिए रेलवे विभाग के साथ बातचीत शुरू कर दी है. पिछले दिनों पश्चिम बंगाल में हिंसा और खून-खराबे की शिकायतों के समाधान के लिए राज्यपाल ने राजभवन परिसर में 'पीस रूम' खोलने की पहल की थी.


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राजभवन के सूत्रों ने कहा कि राज्यपाल ने इस संबंध में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से भी अनुरोध किया है. सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल के प्रस्ताव में कहा गया है कि 'पीस ट्रेन' कोलकाता के सियालदह स्टेशन से दार्जिलिंग जिले के न्यू जलपाईगुड़ी के बीच दक्षिण बंगाल और उत्तर बंगाल दोनों को कवर करते हुए शांति का संदेश देगी.


हाल ही में, राज्यपाल ने मीडियाकर्मियों से कहा कि 'भ्रष्टाचार' और 'हिंसा' पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए दो सबसे बड़े दुश्मन हैं. राज्यपाल ने हाल ही में राज्य में विश्वविद्यालय स्तर की शिक्षा प्रणाली में भ्रष्टाचार पर जनता की शिकायतों के समाधान के लिए राजभवन परिसर में एक 'भ्रष्टाचार विरोधी कक्ष' खोलने की पहल की है.


तृणमूल की आलोचना का शिकार हो चुके हैं गवर्नर
'पीस रूम' और 'भ्रष्टाचार निरोधक कक्ष' की पहल के फैसले के लिए राज्यपाल पहले ही सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की तीखी आलोचना का शिकार हो चुके हैं. सत्तारूढ़ पार्टी नेतृत्व का दावा है कि ये राज्यपाल द्वारा राज्य में समानांतर प्रशासन चलाने का प्रयास है.


झगड़े का एक और दौर शुरू कर देगी ट्रेन?
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि 'पीस ट्रेन' की ताजा पहल निश्चित रूप से गवर्नर हाउस और राज्य सचिवालय के बीच झगड़े का एक और दौर शुरू कर देगी. तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डॉ शांतनु सेन ने कहा कि राज्यपाल अब राज्य की छवि खराब करने के लिए रेलवे के मंच का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं. सेन ने कहा, 'उन्हें पता होना चाहिए कि पश्चिम बंगाल की स्थिति भाजपा शासित राज्यों की तुलना में काफी बेहतर है.' हाल ही में, राज्यपाल ने उन कैदियों की एक सूची भी वापस भेजी थी, जिन्हें इस साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रिहा किया जाना था, जिसे राज्य सचिवालय ने गवर्नर हाउस को भेजा था.


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