एकनाथ शिंदे के खिलाफ जनहित याचिका, महाराष्ट्र के 7 निवासी पहुंचे हाईकोर्ट
याचिका में एकनाथ शिंदे पर महाराष्ट्र में ``राजनीतिक उथल-पुथल`` मचाने और राज्य सरकार की आंतरिक व्यवस्था को अस्त-व्यस्त करने का आरोप लगाया गया है.
मुंबई: एक ओर शिवेसना के विद्रोही विधायकों का गुट दो याचिकाएं लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है तो दूसरी ओर महाराष्ट्र के सात निवासी एकनाथ शिंदे के खिलाफ बांबे हाईकोर्ट पहुंच गए हैं. शिवेसना के विद्रोही विधायकों के गुट का नेतृत्व कर रहे एकनाथ शिंदे के खिलाफ सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई है.
याचिका में ये हैं आरोप
इस याचिका में एकनाथ शिंदे पर महाराष्ट्र में ''राजनीतिक उथल-पुथल'' मचाने और राज्य सरकार की आंतरिक व्यवस्था को अस्त-व्यस्त करने का आरोप लगाया गया है. जनहित याचिका में विद्रोही नेताओं के खिलाफ "कर्तव्यों का पालन नहीं करने और ऐसी अनैतिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए उचित कार्रवाई की मांग की गई है, जिससे जन अधिकारों और सुशासन का अनादर हुआ है.''
महाराष्ट्र के सात निवासियों की तरफ से दायर याचिका में शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को विस्तृत आश्वासन योजना प्रस्तुत करने का निर्देश देने की भी अपील की गई है, जिसमें कई मंत्रियों की अनुपस्थिति में शासन प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई हो.
बागी विधायकों से ये अपील
अधिवक्ताओं असीम सरोदे और अजिंक्य उडाने के माध्यम से दायर याचिका में अदालत से बागी नेताओं को राज्य में लौटने और अपने कामकाज को फिर से शुरू करने का निर्देश देने की अपील की गई है. साथ ही दावा किया गया है कि बागी विधायक संविधान के तहत ली गई शपथ की अवहेलना कर रहे हैं. सोमवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम. एस. कार्णिक की खंडपीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए याचिका का उल्लेख किया गया. पीठ ने कहा कि वह (सुनवाई के लिए) एक तारीख तय करेगी.
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