नई दिल्ली: मोदी सरकार कोरोना संकट से देश को उबारने के लिए और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पूरी तन्मयता के साथ जुटी हुई है. गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राइवेट क्षेत्र में 41 कोयला ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी है. पीएम मोदी ने कहा कि कोल सेक्टर में हो रहे बदलाव, इस सेक्टर में हो रहा निवेश और इससे लोगों के जीवन में भारी बदलाव देश की प्रगति में सार्थक साबित होगा.


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कोयला क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश



मोदी सरकार देश में कोयला क्षेत्र को पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाने में संलग्न है. माना जा रहा है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान में ये सबसे महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत ने कोल और माइनिंग के सेक्टर को कॉम्पिटिशन, कैपिटल के अलावा भागीदारी और तकनीक के लिए पूरी तरह से खोलने का बहुत बड़ा फैसला लिया है. इन रिफॉर्म्स के बाद अब कोल प्रोडक्शन, पूरा कोल सेक्टर भी एक प्रकार से आत्मनिर्भर हो पाएगा.


पुरानी सरकारों में थी पारदर्शिता की कमी


आपको बता दें कि पुरानी सरकारों में बहुत से कोयला घोटाले हुए जिसका देश के कोल सेक्टर पर बहुत बुरा असर पड़ा. पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में दशकों से कोल सेक्टर को कॉम्पिटिशन से बाहर रखा गया था. पारदर्शिता की एक बहुत बड़ी समस्या थी. पुरानी कांग्रेस सरकारें देश में बंद पड़ी कोयला खदानों को लूटती थी और विदेश से कोयला मंगाती थी. भारत में कोयला का अपार भंडार बन्द पड़ा था.


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कोयला क्षेत्र में मजबूती से आदिवासियों को होगा बहुत लाभ


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि  जब हम कोल प्रोडक्शन बढ़ाते हैं तो पावर जेनरेशन बढ़ने के साथ ही स्टील, एल्युमिनियम, फर्टिलाइजर, सीमेंट जैसे तमाम दूसरे सेक्टर्स में प्रोडक्शन और प्रोसेसिंग पर भी पॉजिटिव इम्पैक्ट होता है. कोयला क्षेत्र में निवेश से हमारे गरीब और आदिवासी भाई-बहनों के जीवन को आसान बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा. पीएम मोदी ने बताया कि 2014 के बाद इस स्थिति को बदलने के लिए एक के बाद एक कई कदम उठाए गए. जिस कोल लिंकेज की बात कोई सोच नहीं सकता था, वो हमने करके दिखाया.