नई दिल्ली: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महामारी कोरोना वायरस से बचने और निपटने के लिए राष्ट्र के नाम संदेश दिया. पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए चुनौतियों से निपटने के लिए कई मंत्र दिए. साथ ही अपील करते हुए हर किसी को सतर्क रहने और सावधानी बरतने का आग्रह किया. लेकिन पीएम के संबोधन की एक बेहद ही दिलचस्प बात उस वक्त सामने आई जब उन्होंने लोगों से ऐसा आग्रह किया जो किसी ने सोचा भी नही होगा.


लोगों से पीएम मोदी की अनोखी अपील


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि "कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत कितना तैयार है, ये देखने और परखने का भी समय है. पिछले 2 महीनों से लाखों लोग अस्पतालों, एयरपोर्ट, शहरी की गलियों में दिन-रात काम में जुटे हुए हैं. चाहे डॉक्टर, नर्स, सफाई कर्मचारी, एयरलाइंस कर्मचारी, सरकारी कर्मचारी, रेलवे-बस कर्मचारी, होम डिलीवरी करने वाले लोग, ये अपनी परवाह न करते हुए दूसरों की सेवा में लगे हुए हैं. मैं चाहता हूं कि 22 मार्च रविवार के दिन हम ऐसे सभी लोगों को धन्यवाद अर्पित करें."


कैसे धन्यवाद अर्पित करें?


प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के दौरान ये भी बताया कि लोग कैसे उन लोगों के योगदान का सम्मान कर सकते हैं जो खतरों के बीच रहकर देश की सेवा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि "रविवार को ठीक 5 बजे हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर, बाल्कनी में, खिड़कियों के सामने खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें." उन्होंने कहा कि आभार ताली बजाकर, घंटी बजाकर और अन्य तरीकों से व्यक्त करें. जिससे इन लोगों के मनोबल को बढ़ाया जा सके.


'सायरन की आवाज से लोगों को जानकारी दें'


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि "पूरे देश के स्थानीय प्रशासन से भी मेरा आग्रह है कि 22 मार्च को 5 बजे सायरन की आवाज से इसकी सूचना लोगों तक पहुंचाएं. 'सेवा परमो धर्म' के हमारे संस्कारों को मानने वाले ऐसे देशवासियों के लिए हमें पूरी श्रद्धा के साथ अपने भाव व्यक्त करने होंगे."


साथ ही नरेंद्र मोदी ने लोगों से एक और अपील करते हुए ये कहा कि "संकट के इस समय में आपको ये भी ध्यान रखना है कि हमारी आवश्यक सेवाओं पर, हमारे अस्पतालों पर दबाव भी निरंतर बढ़ रहा है. इसलिए मेरा आपसे आग्रह ये भी है कि रूटीन चेक-अप के लिए अस्पताल जाने से जितना बच सकते हैं उतना बचें."


इसे भी पढ़ें: आखिर क्यों पीएम मोदी ने 'जनता कर्फ्यू' की जरुरत बताई?


किसी जंग के लिए लोगों को तैयार करना सेनापति का कर्तव्य होता है. देश में चल रहे कोरोना के खिलाफ युद्ध के लिए तैयार करने के लिए पीएम मोदी ने अपने दायित्व का निर्वहन किया है. इसी कड़ी में उन्होंने लोगों को संदेश देते हुए ये समझाया है कि हम स्वस्थ्य तो जगत स्वस्थ्य.


इसे भी पढ़ें: कोरोना के खिलाफ जंग में PM मोदी बने 'सेनापति'! राष्ट्र के नाम संबोधन की 10 बड़ी बातें



इसे भी पढ़ें: Corona से डरने वालों के लिए बड़ी Good News