नई दिल्ली: कई छापे और गिरफ्तारियों के बाद, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को गृह मंत्रालय (MHA) ने बुधवार को आतंकी फंडिंग से कथित संबंधों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर फैसला लिया गया है. दरअसर कुछ दिनों पहले ही देश भर में पीएफआई के ठिकानों पर एनआईए ने छापेमारी की गई थी. इस छापेमारी के बाद हुए खुलासों के बाद पीएफआई पर बैन लगाने की कार्रवाई की गई है. संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग कई राज्यों ने की थी. 


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भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने एक ट्वीट में कहा कि "पीएफआई पर प्रतिबंध लगाना इस्लामिक जिहाद के खिलाफ एक निर्णायक कदम है". भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता, शहजाद पूनावाला ने ट्विटर पर कहा, "केंद्र सरकार, एमएचए द्वारा मजबूत और समय पर कार्रवाई जिसने पांच साल की अवधि के लिए #PFI पर प्रतिबंध लगा दिया है. लेकिन हमने अतीत में देखा है कि कैसे कांग्रेस, सपा , राजद, वामपंथी आदि ने वोटबैंक के नाम पर आतंक को राजनीतिक संरक्षण दिया है."


इन संगठनों पर भी लगा बैन
पीएफआई के सहयोगी संगठन - रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल - पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था.


250 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी
22 सितंबर और 27 सितंबर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और राज्य पुलिस ने पीएफआई पर छापेमारी की थी. पहले दौर की छापेमारी में पीएफआई से जुड़े 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इस बीच, दूसरे दौर की छापेमारी में पीएफआई से जुड़े 247 लोगों को गिरफ्तार/हिरासत में लिया गया. जांच एजेंसियों को संगठन के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले, जिसके आधार पर संगठन पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया.




एनआईए और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएफआई के खिलाफ 15 राज्यों- केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा,पश्चिम बंगाल, बिहार और मणिपुर में 93 स्थानों पर तलाशी ली थी.

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