25 हाईकोर्ट में खाली हैं 1108 में से 381 जजों के पद, 60 से ज्यादा सिफारिशें पेंडिंग
देश के 25 हाईकोर्ट में जजों के स्वीकृत 1108 में से 381 पद रिक्त हैं, 60 से ज्यादा सिफारिशें विचाराधीन हैं. 6 महीने में 36 जज हुए रिटायर तो 86 नए जजों की नियुक्ति हुई, अगले 6 माह में 40 जज रिटायर होंगे.
नई दिल्ली: देश के न्यायिक इतिहास में ये पहली बार हुआ है जब देशभर के हाईकोर्ट में सेवानिवृत हुए जजों की संख्या से दोगुना से भी अधिक जजों की नियुक्ति हुई है. हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के मामले में वर्ष 2022 के प्रथम 6 माह बेहतर साबित हुए हैं. जनवरी से जून तक की अवधि के दौरान देश के 25 हाईकोर्ट में कुल 36 जज सेवानिवृत हुए हैं, वहीं इस अवधि के दौरान केन्द्र सरकार ने कुल 86 नए जजों की नियुक्ति की है.
सीजेआई एन वी रमन्ना ने क्या कहा था?
29 अप्रैल 2022 को दिल्ली में आयोजित हाईकोर्ट चीफ जस्टिस की कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सीजेआई एन वी रमन्ना ने कहा था कि उनके पदभार संभालने के बाद से कॉलेजियम ने 180 लोगों के नामों की सिफारिश केन्द्र को की है. जिनमें से 126 नियुक्तियां हो चुकी थी.
बाकी 54 नामों के प्रस्ताव सरकार के पास लंबित है. जिस दिन उन्होंने ये बयान दिया था, उस वक्त तक सीजेआई के रूप में उनका एक वर्ष का कार्यकाल पूर्ण हो चुका था. सीजेआई एन वी रमन्ना 24 अप्रैल 2021 को देश के मुख्य न्यायाधीश बने थे. और वे अगले माह 26 अगस्त को सेवानिवृत होने जा रहे हैं.
कॉलेजियम ने 76 की सिफारिश, केन्द्र ने किए 86 जज नियुक्त
देशभर के हाईकोर्ट में 1 जनवरी 2022 को स्वीकृत जजों के 1098 पदों पर कुल कार्यरत जजों की संख्या 687 थी. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जनवरी से जून तक एक दर्जन से अधिक बार बैठक करते कुल 76 नामों की सिफारिश केन्द्र सरकार को भेजी.
जून 2022 तक वर्ष के प्रथम 6 माह में केन्द्र सरकार ने भी कॉलेजियम की अधिकांश सिफारिशों को मंजूर करते हुए कुल 86 नए जजों की नियुक्ति की. केन्द्र ने वर्ष 2021 से लंबित कई सिफारिशों को भी इस दौरान मंजूरी दी है. जिसके चलते बड़ी संख्या में जजों की नियुक्ति हो पायी है.
केन्द्र द्वारा 86 नई नियुक्तियों के बाद देशभर के हाईकोर्ट में कार्यरत जजों की संख्या 1 जुलाई 2022 को 687 से बढ़कर 727 हो गयी. वहीं रिक्त पदों की संख्या भी 411 से घटकर 381 रह गयी है. 1 जनवरी को जहां हाईकोर्ट के लिए कुल स्वीकृत पदों की कुल संख्या 1098 थी. वही ओडिशा हाईकोर्ट के लिए 6 और हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के एि 4 पद बढ़ाये जाने के बाद 1 जुलाई को ये संख्या भी 1108 हो गयी है.
इस अवधि के दौरान सर्वाधिक नियुक्ति 17 जजों की दिल्ली हाईकोर्ट में की गयी. इसके साथ ही कोलकाता हाईकोर्ट में 12, पटना हाईकोर्ट में 11, तेलंगाना हाईकोर्ट में 10, आन्धप्रदेश में 7, मध्यप्रदेश में 6, उड़ीसा और मद्रास हाईकोर्ट में 4-4 नए जज नियुक्त हुए हैं.
जम्मू कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट में 3, बॉम्बे हाईकोर्ट में 3 और राजस्थान हाईकोर्ट में 2 नए जज बनाए गए. वहीं झारखण्ड, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और मणिपुर हाईकोर्ट में 1-1 जज की नियुक्ति की गयी.
कॉलेजियम द्वारा भेजे गये 76 में 51 अधिवक्ताओं के नाम
6 माह की अवधि में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अलग अलग हाईकोर्ट में जजों की नई नियुक्तियों के लिए एक दर्जन से अधिक बैठकें आयोजित की. कॉलेजियम ने इन बैठकों के जरिए 51 अधिवक्ताओं और 27 न्यायिक अधिकारियों सहित कुल 76 नाम की सिफारिश केन्द्र को भेजी है.
इन सिफारिशों में 3 अधिवक्ता और 5 न्यायिक अधिकारियों के भी नाम शामिल है, जिन्हें केन्द्र द्वारा वापस लौटाने के बाद कॉलेजियम ने दोबारा सिफारिश करते हुए नाम भेजे हैं.
कॉलेजियम ने पूर्व में केन्द्र द्वारा लौटाये गये कर्नाटक हाईकोर्ट के एडवोकेट सी एम पूनच्चा, पटना हाईकोर्ट के एडवोकेट खातिम रेजा और डॉ अंशुमान पाण्डे के नाम की दोबारा सिफारिश की. इसी तरह कोलकाता हाईकोर्ट के न्यायिक अधिकारी शंपा दत्ता पॉल, सिद्धार्थ रॉय चौधरी, बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायिक अधिकारी यू एस जोशी फालके, बी पी देशपाण्डे और झारखण्ड हाईकोर्ट के पी के श्रीवास्तव के नाम की भी कॉलेजियम ने दोबारा सिफारिश करते हुए केन्द्र को नाम भेजे.
6 माह में कॉलेजियम द्वारा की गयी सिफारिशों में बॉम्बे हाईकोर्ट के लिए सर्वाधिक अधिवक्ता कोटे से 10 नाम की सिफारिश की गयी है. अधिवक्ता कोटे से ही दिल्ली, आन्धप्रदेश और तेलंगाना हाईकोर्ट में 7-7 नाम की सिफारिश की गयी है. इसी तरह मद्रास हाईकोर्ट में 6, कोलकाता हाईकोर्ट में 5, ओडिशा और पटना हाईकोर्ट में 4, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट 3, कर्नाटक, तेलंगाना हाईकोर्ट में 1-1 अधिवक्ता एडवोकेट की नियुक्ति की गयी.
31 एडिशनल जजों को बनाया गया स्थायी
जनवरी से जून सीजेआई एन वी रमन्ना की अध्यक्षता में कॉलेजियम ने नियुक्तियों के साथ ही तबादले और स्थायी करने के लिए 115 की नाम की सिफारिश की थी. कॉलेजियम ने मणिपुर हाईकोर्ट-1, कोलकाता हाईकोर्ट-5, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट-1, केरल हाईकोर्ट-4, मद्रास हाईकोर्ट-10, इलाहाबाद हाईकोर्ट-10 सहित कुल 31 अस्थायी हाईकोर्ट जजों को स्थायी करने की सिफारिश की है.
मद्रास हाईकोर्ट के एक अस्थायी जज को एक वर्ष के टर्म के लिए आगे बढाने की सिफारिश भी कॉलेजियम द्वारा की गयी. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मई के तीसरे सप्ताह में 6 हाईकोर्ट जजों के तबादले करते हुए दो को पुन: उनके मूल हाईकोर्ट में भेजे जाने की सिफारिश भी की. केन्द्र ने कॉलेजियम द्वारा कि गयी सिफारिश के अनुसार सभी 31 जजों को स्थायी जज नियुक्त किया गया, वहीं 6 जजों के तबादले भी किये गये.
अगले 6 माह में 5 चीफ जस्टिस होंगे सेवानिवृत
जनवरी से जून माह के बीच देश के 3 हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सेवानिवृत हो चुके हैं. जिसमें राजस्थान सीजे जस्टिस अकील कुरैशी, दिल्ली सीजे जस्टिस डी एन पटेल, हिमाचल प्रदेश सीजे जस्टिस मोहम्मद रफीक शामिल हैं. 2 जुलाई को ही कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रितुराज अवस्थी सेवानिवृत हो गये हैं. जस्टिस अवस्थी सहित अगले 6 माह में 5 हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद रिक्त हो जायेंगे.
कॉलेजियम ने 1 फरवरी को केवल मद्रास हाईकोर्ट में जस्टिस एम एन भण्डारी को सीजे बनाने की सिफारिश की थी. उसके बाद 17 मई को 5 हाईकोर्ट में नए मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए सिफारिश करते हुए केन्द्र को नाम भेजे. केन्द्र द्वारा इन सिफारिशों को मंजूरी मिलने के बाद 19 जून को राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति दे दी गयी.
19 जून को राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त हुए जस्टिस एस एस शिंदे 1 अगस्त को ही सेवानिवृत हो रहे हैं. वही 12 सितंबर को मद्रास हाईकोर्ट सीजे जस्टिस एम एन भण्डारी, 10 नवंबर को त्रिपुरा सीजे जस्टिस इन्द्रजीत महांती और 19 दिसंबर को झारखण्ड सीजे रवि रजंन सेवानिवृत हो जायेंगे. दिसबंर तक एक बार फिर से देश के 5 हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के पद रिक्त हो जायेंगे.
40 हाईकोर्ट जज भी होंगे सेवानिवृत
देशभर के हाईकोर्ट में हुई बंपर नियुक्तियों के बावजूद भी अगले 6 माह में फिर से 40 जजों के पद रिक्त हो जायेंगे. इलाहाबाद हाईकोर्ट में ही सर्वाधिक 6 और बॉम्बे हाईकोर्ट के 5 जज सेवानिवृत हों जायेंगे. इसके साथ ही मद्रास, पटना और राजस्थान हाईकोर्ट में 3-3 जज सेवानिवृत होंगे.
दिल्ली, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, पंजाब हरियाणा, तेलंगाना और त्रिपुरा हाईकोर्ट में प्रत्येक के 2—2 जज सेवानिवृत हो जायेंगे. कोलकाता, छत्तीसगढ़, गुजरात, आन्ध्रप्रदेश, जम्मू—कश्मीर और झारखण्ड हाईकोर्ट में 1-1 जज के पद सेवानिवृति के चलते रिक्त होंगे.
जजों की नियुक्ति के लिहाज से जुलाई अहम
देशभर के हाईकोर्ट में स्वीकृत जजों के 1108 पदों पर फिलहाल काम कर रहे 727 जजों में से 40 जज अगले 6 माह में सेवानिवृत हो जायेंगे. रिक्त पदों की संख्या भी 381 से बढकर 421 तक पहुंच जायेगी. कानूनी जानकारों के अनुसार, यदि सही समय पर नए जज नियुक्त न किए गए, तो न्यायिक प्रशासन का काम प्रभावित होना तय है.
वर्ष के दूसरे 6 माह में 40 हाईकोर्ट जज सेवानिवृत होने वाले हैं उनके रिक्त होने वाले पदों को भरने के लिए फिलहाल कानून मंत्रालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के समक्ष 60 से अधिक नाम पेडिंग है.
सीजेआई एन वी रमन्ना अगले माह 26 अगस्त को सेवानिवृत होने जा रहे हैं. सेवानिवृति से पूर्व सीजेआई एन वी रमन्ना के समक्ष केवल जुलाई माह रह जाता है. कॉलेजियम जुलाई में कई हाईकोर्ट के लिए जजों की नियुक्ति की सिफारिश कर सकता है. इसमें खासतौर से राजस्थान, इलाहाबाद, बॉम्बे और मद्रास हाईकोर्ट है. नए जजों की नियुक्ति के लिहाज़ से जुलाई अहम साबित हो सकता है.
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