नई दिल्ली: President Ram Nath Kovind Farewell: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है. उनकी जगह द्रौपदी मुर्मू सोमवार को देश के सर्वोच्च पद की शपथ लेंगी. इससे पहले शनिवार को अपने विदाई भाषण में राष्ट्रपति कोविंद ने सभी सांसदों और सियासी दलों को राजनीति का असली पाठ पढ़ाया. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रामनाथ कोविंद ने शांति और सद्भाव पर दिया जोर


राष्ट्रपति कोविंद ने राजनीतिक दलों से राष्ट्रीय हित में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर यह तय करने को कहा कि लोगों के कल्याण के लिए क्या जरूरी है. संसद के सेंट्रल हॉल में अपने विदाई भाषण में सांसदों को संबोधित करते हुए कोविंद ने शांति और सद्भाव के मूल्य पर जोर देते हुए कहा कि लोगों को अपने लक्ष्यों को पाने की कोशिश करने के लिए विरोध करने और दबाव बनाने का अधिकार है, लेकिन उनके तरीके गांधीवादी होने चाहिए. 


पूरा देश एक परिवार की तरह है- राष्ट्रपति


निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि वह हमेशा खुद को बड़े परिवार का हिस्सा मानते हैं, जिसमें सांसद भी शामिल हैं. सभी सांसद और सरकार एक पारिवार की तरह होते हैं. किसी भी परिवार की तरह कई बार उनके बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उन्हें देश के व्यापक हितों के लिए मिलकर काम करना चाहिए. उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला राष्ट्रपति कोविंद को विदाई देने के लिए आयोजित इस समारोह में शामिल हुए. 


देश की 15वीं राष्ट्रपति होंगी द्रौपदी मुर्मू


निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगी. वह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर काबिज होने वाली पहली आदिवासी होंगी. कोविंद ने मुर्मू को बधाई दी और कहा कि उनके मार्गदर्शन से देश को फायदा होगा. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे राष्ट्रपति के रूप में सेवा करने का अवसर देने के लिए देश के नागरिकों का हमेशा आभारी रहूंगा.’’ 


ये भी पढ़ें- IND vs WI: 'इस खिलाड़ी के पास विकेट लेने की अद्भुत शक्ति है'



Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.