एक पुजारी को जिंदा जला दिया गया. उस पुजारी की चिता की राख भी ठंडी हो गई. जिसने बता दिया कि नेताओं के लिए इंसाफ की बात करना सिर्फ एक इवेंट भर है. जिसे वो अपनी सहूलियत से उठाते हैं.. और अपनी सहूलियत से मुंह फेर लेते हैं.


कांग्रेस राज में पुजारी जिंदा जला दिया


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राजस्थान में भगवान के सामने अधर्म हुआ. करौली जिले के बुकना गांव में एक पुजारी को जिंदा जला दिया गया. 13 बीघा जमीन के लिए गांव के दबंगों ने पुजारी को मार दिया. गंभीर रूप से जली हालत में पुजारी बाबू लाल वैष्णव को जयपुर एसएमस अस्पताल में दम तोड़ दिया.


अगर बीजेपी और इलाके लोग हंगामा नहीं करते तो शायद पुलिस केस को आत्महत्या का बताकर रफा दफा कर देती. जबकि पुजारी ने मौत से पहले आरोपी का नाम बताया था.


पुजारी चीखता रहा, गहलोत अनसुना करते रहे


पुजारी ने कई बार पुलिस से शिकायत की थी. लेकिन पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की. ट्रस्ट से पुजारी को मिली जमीन पर कब्जा करने की कई बार कोशिश की गई. पंचायत भी बैठाई गई. पुजारी के हक में फैसला सुनाया गया. लेकिन आरोपी कैलाश मीणा और उसके रिश्तेदार नहीं माने.



सवाल ये क्या गहलोत सरकार ने कैलाश मीणा को सरंक्षण दिया हुआ था..इलाके के विधायक भी आरोपी की जाति के हैं.. जिनका नाम रमेश मीणा है..रमेश मीणा कांग्रेस से विधायक हैं. और गहलोत सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. क्या जाति की खातिर आरोपी को बचाया जा रहा था. क्या बिरादरी के आरोपी को गहलोत सरकार ने संरक्षण दिया


कांग्रेस राज में पुजारी जिंदा जला दिया


पुजारी की मौत पर बीजेपी ने हंगामा किया.. डीएम को ज्ञापन सौंपा और गहलोत सरकार पर दबंगों को सरंक्षण देने का आरोप लगाया था. राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया ने गहलोत सरकार पर जाति देखकर कार्रवाई करने का आरोप लगाया. साथ ही ये भी पूछा कि राहुल गांधी पुजारी के लिए इंसाफ की आवाज़ कब उठाएंगे



गहलोत सरकार में गुंडाराज की ये सबसे वीभत्स तस्वीर है.. और उससे भी बड़ी चौकाने वाली बात ये कि सपोतरा के थाना इंचार्ज पुजारी की मौत को आत्महत्या कराने देने में जुट गए. उन्होने शुरुआत में इसे आत्महत्या बताया था. बाद में हंगामा हुआ तो हत्या का मामला दर्ज किया. पहले पुलिस मामले को रफा दफा करने में जुटी थी. लेकिन बीजेपी ने पुजारी के परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया.  पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने ट्वीट किया


क्योंकि पुजारी, पहलू खान नहीं था ?


प्रदेश में जिस तरह अपराध का ग्राफ बढ रहा है ऐसे में यहां बच्चे-बुजुर्ग और महिलाएं भी सुरक्षित नहीं है. राज्य सरकार को दोषियों को सख्त सजा दिलाकर परिवार को तुरंत न्याय दिलाना चाहिए. करौली जिले के सपोटरा में मंदिर के पुजारी को जिंदा जलाकर मौत के घाट उतार देने के मामले की जितनी निंदा की जाए, जितना दुःख जताया जाए, कम है.


राजस्थान में क्राइम बढ़ रहा है. लेकिन ना तो कांग्रेस सरकार देख पा रही है. और ना ही पुलिस. ऐसे में सवाल उठा है. कि हाथरस में दलित के नाम पर प्रदर्शन करने वाली नेतामंडली और  राहुल-प्रियंका राजस्थान पर खामोश क्यों है. क्या पुजारी दलित नहीं था. इसलिए या फिर रास्थान में बीजेपी की सरकार नहीं है.. आखिर इस दोहरे चरित्र के पीछे की हकीकत क्या है.


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