नई दिल्लीः भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया और अपनी वापस ली गई याचिका को बहाल करने का आग्रह किया. शर्मा ने टीवी पर प्रसारित एक कार्यक्रम के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर की गई उनकी टिप्पणी के संबंध दर्ज अलग-अलग प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने के आग्रह वाली याचिका पर एक जुलाई को सुनवाई के दौरान अवकाशकालीन पीठ की ओर से की गई प्रतिकूल टिप्पणियों को हटाने की भी गुजारिश की.
याचिका पर सुनवाई से कर दिया था इनकार
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने पैगंबर मोहम्मद खिलाफ टिप्पणी को लेकर कई राज्यों में दर्ज प्राथमिकियों को एक साथ मिलाने की शर्मा की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने नुपुर को लगाई थी फटकार
शीर्ष अदालत ने पैगंबर के खिलाफ शर्मा की विवादित टिप्पणियों के लिए उन्हें आड़े हाथों लिया था और कहा था कि उनकी ‘बेलगाम जुबान’ ने ‘पूरे देश को आग में झोंक दिया और देश में जो भी हो रहा है, उसके लिए वह ‘अकेले’ जिम्मेदार हैं.
कोर्ट ने कहा था, नुपुर को माफी मांगनी चाहिए
अदालत ने कहा था, 'उनका अपनी जुबान पर काबू नहीं है और टीवी पर गैर जिम्मेदाराना बयान दिए और पूरे देश को आग में झोंक दिया. फिर भी वह 10 साल से वकील होने का दावा करती हैं...उन्हें अपनी टिप्पणियों के लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए.'
बता दें कि एक टीवी शो में नुपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद पर कथित रूप से विवादित टिप्पणी की थी. इसके बाद नुपुर शर्मा का काफी विरोध हुआ. खाड़ी देशों ने भी इसकी आलोचना की थी. बाद में बीजेपी ने नुपुर को प्रवक्ता पद से हटा दिया था.
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