दिल्ली: भारत की खराब अर्थव्यवस्था पर विपक्ष तो सरकार पर पहले से आक्रामक था लेकिन अब कई अर्थशास्त्री भी सरकार की आलोचना कर रहे हैं. इनमें से कई ऐसे लोग हैं जो इसी सरकार में कभी अर्थव्यवस्था ये जुड़ी अहम जिम्मेदारियां निभा रहे थे. गौरतलब है कि रघुराम राजन पिछली मोदी सरकार के समय RBI के गवर्नर थे.


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रघुराम राजन ने सरकार पर झूठ बोलने का लगाया आरोप


RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने केंद्र की मोदी सरकार पर देश से झूठ बोलने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इस समय अर्थव्यवस्था के हालात ठीक नहीं हैं लेकिन फिर भी सरकार इसकी सच्चाई स्वीकार नहीं कर रही है और लगातार इस मुद्दे की गंभीरता को समाप्त कर रही है. राजन ने कहा कि आर्थिक मंदी की समस्या से उबरने के लिए मोदी सरकार को समस्या को स्वीकार करना होगा क्योंकि इसे छिपाने से स्थिति नहीं सुधर सकती. 



5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य पाना मुश्किल


रघुराम राजन ने केंद्र की मोदी सरकार पर सभी समस्याओं का ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि युवाओं में बेरोजगारी बढ़ रही है, इससे विद्रोह के हालात बन रहे है. घरेलू कारोबारी निवेश नहीं कर रहे. निवेश में ठहराव इस बात का सबसे मजबूत संकेत है कि सिस्टम में कुछ बड़ी गड़बड़ है. 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने के लिए हर वर्ष कम से कम 8 से 9% की विकास दर की जरूरत होगी, जो फिलहाल वास्तविकता से दूर नजर आती है.



निर्मला सीतारमन के आरोपों के बाद कहीं ये बातें


राजन ने ये बातें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के उस आरोप के बाद कहीं हैं जिसमें  सीतारमन ने गवर्नर के रूप में रघुराम राजन के कार्यकाल को सबसे बुरा दौर बताया था. वित्त मंत्री ने कहा था कि मैं रघुराम राजन की एक महान शिक्षक के तौर पर बड़ी इज्जत करती हूं. उन्होंने ऐसे वक्त में आरबीआई की जिम्मेदारी संभाली थी, जब भारतीय अर्थव्यवस्था अपने सबसे खुशहाल दौर में थी. कांग्रेस सरकार के शासन काल में रघुराम राजन ने ही गलत लोगों को अवैध रूप से बैंक लोन दिलवाया था. उन्हीं की वजह से बैंक आज भी संकट में हैं और देश पर आर्थिक संकट है.


मोदी सरकार में एक समय 9 फीसदी थी विकास दर


आपको बता दें कि 2016 की पहली तिमाही में विकास दर नौ फीसदी के पास थी, जो अब घटकर के 4.5 फीसदी के स्तर पर आ गई है. मनमोहन सिंह की सरकार जाने के समय 2014 में भारत की आर्थिक विकास दर इससे भी निचले स्तर पर थी. बाद में मोदी सरकार में ही इसने 9 फीसदी का आंकड़ा प्राप्त किया था.



मोदी सरकार से नाराज चल रहे हैं रघुराम राजन


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के आरोपों के बाद से RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन मोदी सरकार पर नाराज बताए जा रहे हैं. पहले राजन ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था काफी बड़ी हो गई है कि शीर्ष पर बैठे लोगों से ये संभल नहीं रही है. उनके इसे संभालने का अभी तक का अनुभव काफी खराब रहा है. बता दें कि एक लेख में उन्होंने लिखा कि मोदी सरकार मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस का नारा देकर सत्ता में आई थी लेकिन ये भी ठीक नहीं रहा. सरकार में किसी भी मुद्दे पर केवल तभी काम होता है, जब पीएमओ उस पर ध्यान देता है. जब पीएमओ का फोकस किसी दूसरी जगह चला जाता है, तो सारी प्रक्रिया थम-सी जाती है.