नई दिल्ली. देश के उच्च सदन यानी  राज्यसभा में बुधवार को 'निरसन और संशोधन विधेयक 2023' पारित कर दिया गया. विधेयक 76 ऐसे कानूनों को रद्द करने की बात करता है जो अब प्रचलन में नहीं हैं. दशकों पुराने टेलीग्राफ वायर कानून, भूमि अधिग्रहण (खान) कानूनों को निरस्त करने की एक पहल है ये विधेयक. लोकसभा से इस बिल को पहले ही पास किया जा चुका है.


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कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को राज्यसभा में 'निरसन और संशोधन विधेयक 2023' विचार और पास करने के लिए पेश किया. केंद्र सरकार का मानना है कि पुराने अप्रचलित कानून को रद्द करने की पहल से सामान्य लोगों का जीवन सुगम बनता है.


27 जुलाई को लोकसभा ने दी थी मंजूरी
यह विधेयक भी जनजीवन और व्यापार की सुगमता बढ़ाने की दिशा में किया गया एक और प्रयास है. लोकसभा 27 जुलाई को इस विधेयक को मंजूरी दे चुकी है. पिछले साल दिसंबर में 65 पुराने कानूनों को खत्म करने के लिए निरसन और संशोधन विधेयक पेश किया था. लेकिन यह विधेयक विभिन्न सत्रों में चर्चा के लिए नहीं आ सका.


क्या बोले कानून मंत्री
अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कई ऐसे कानून है जिनका अब कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने टेलीग्राफ एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि टेलीग्राफ एक्ट में कहा गया है कि कोई व्यक्ति अपने पास टेलीग्राफ की तार नहीं रख सकता, ऐसा करने वाले व्यक्ति को सजा मिलेगी. दरअसल दशकों पहले तुरंत सूचना भेजने के लिए टेलीग्राम का इस्तेमाल होता था लेकिन अब वह चलन में नहीं है. लेकिन उससे जुड़े कानून अभी तक मौजूद हैं. 2014 में सत्ता में आने के बाद से नरेन्द्र मोदी सरकार ने जनजीवन को सुगम बनाने के लिए 1,486 अप्रचलित कानूनों को निरस्त किया है.


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