नई दिल्ली: Ram Naik on Govinda: अभिनेता गोविंदा ने एक बार फिर सियासत में एंट्री की है. इस बार उन्होंने शिवसेना (शिंदे गुट) के साथ सफर शुरू किया है. यह पार्टी महाराष्ट्र में NDA का हिस्सा है. ऐसे कयास हैं कि गोविंदा मुंबई की नॉर्थ-वेस्ट सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. गोविंदा 14 साल के लंबे ब्रेक के बाद एक बार फिर चुनावी राजनीति में दिख सकते हैं. इसी बीच भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि मैं गोविंदा को जानता हूं, मैं उन्हें कभी दोस्त नहीं कह पाऊंगा. 


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गोविंदा ने राम नाईक को हराया था चुनाव
दरअसल, 2004 के लोकसभा चुनाव में गोविंदा ने कांग्रेस की टिकट पर राम नाईक को उत्तरी मुंबई की सीट पर चुनाव हरवा दिया था. गोविंदा ने करीब 48 हजार वोटों के अंतर से राम नाईक हराया था. गोविंदा को 5.59 लाख वोट मिले थे, जबकि राम नाईक को 5.11 लाख वोट ही आए थे. चुनाव के कुछ साल बाद राम नाईक ने अपनी आत्मकथा में लिखा कि गोविंदा ने उन्हें चुनाव हराने के लिए अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की मदद ली थी. 


राम नाईक बोले- गोविंदा झूठ बोलते हैं
राम नाईक ने कहा है कि गोविंदा दो-तीन बार बोल चुके हैं कि उन्होंने राजनीति छोड़ दी है. लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि गोविंदा झूठ बोलते हैं. वे कहते रहे हैं कि मैं कभी भी राजनीति में नहीं आउंगा, पर अब वे लौट आए. 


'गोविंदा ने मेरे आरोपों का खंडन नहीं किया'
राम नाईक अब भी इस बात पर कायम हैं कि गोविंदा ने उन्हें दाऊद की मदद से चुनाव हराया. नाईक ने कहा कि मेरे आरोपों का गोविंदा ने खंडन नहीं किया. न ही उनके कोई दोस्त आरोपों को खारिज करने के लिए आगे आए. मैंने अपनी किताब में गोविंदा ये आरोप लगाए थे. अब किताब प्रकाशित हुए 7-8 साल का समय बीत गया है. इतने सालों में गोविंदा ने कुछ नहीं कहा. 


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