नई दिल्ली: नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी गोलीबारी का बढ़ना, सिक्किम में चीन की सेना से झड़प, कश्मीर में आतंकवादियों की करतूतों में बढ़ोत्तरी...इन सब के पीछे एक खास कारण है और वो कोरोना संकट की वजह से पाकिस्तान की बदहाली जुड़ा है. आईए आपको बताते हैं कैसे- 


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कश्मीर में पाकिस्तान परस्त आतंकियों की करतूतें बढ़ीं
पहले तो पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी करके भारत को परेशान करने की कोशिश की. जिसका हमारी फौज ने करारा जवाब दिया. इंडिया ने जब एलओसी पर पाकिस्तान के मंसूबों को नाकाम कर दिया और उसे महसूस हुआ कि यहां पर तंग करने उसका ही नुकसान होने वाला है. तब जाकर पाकिस्तान ने कश्मीर में आंतकियों को एक्टिव किया. लेकिन वहां भी उसे मुंह की खानी पड़ी. हिज़बुल के टॉप आतंकवादी रियाज नायकू को मार गिराया गया. अब पाक जनरल कमर जावेद बाजवा नया खेल खेलने में जुट गया है. उसने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकियों की मौजूदगी को बढ़ा दिया है और कश्मीर में फिदायीन हमले की साज़िश रच रहा है. 



कश्मीर में पुलवामा जैसे आत्मघाती हमले की साजिश 
पाकिस्तानी जनरल कमर बाजवा के निर्देशानुसार कश्मीर में 20-25 फिदायीन आतंकी तैनात किए गए हैं. इसके लिए वहां बरसों से मौजूद स्लीपर सेल को
एक्टिव किया गया है. 
शनिवार यानी 9 अप्रैल को NSA अजीत डोभाल ने सुरक्षा एजेंसियों को चेताया है कि जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की कोशिश हो सकती है. इसके लिए अलर्ट पर रहने की ज़रूरत है. बैठक में बात रखी गई कि जैश-ए-मोहम्मद के 25-30 आतंकवादी कश्मीर घाटी में मौजूद हैं. ये आतंकी घाटी में मौजूद सुरक्षा बलों को निशाना बना सकते हैं. 
इस बैठक में ये भी चर्चा हुई कि 11 मई को फिदायीन हमले की साज़िश रची गई है. जैश कमांडर अब्दुल रऊफ असगर और ISI के अधिकारियों के बीच एक बैठक भी हुई है. पाक आर्मी और जैश की बैठक में आत्मघाती हमले की तैयारी के निर्देश दिए गए हैं. 


आतंकियों का नया जत्था कश्मीर में घुसाने की साजिश 


भारतीय खुफिया एजेन्सियों के पास इस बात का भी जबरदस्त इनपुरट है कि नियंत्रण रेखा पर रोधी ग्रिड से आतंकियों की घुसपैठ कराने की साज़िश की जा रही है. POK के केल और ताजियान में लश्कर आतंकियों का दो ग्रुप घुसपैठ की फिराक में है. गुलाम कश्मीर के लीपा में 6 लश्कर आतंकी, जाबरी में अल बदर के 4 आतंकी और बत्तल में 5 अल बदर आतंकी घुसपैठ की तैयारी में हैं.


इस बीच जम्मू कश्मीर में रियाज़ नायकू के मारे जाने के बाद हिज़बुल मुजाहिदीन ने अपना नया कमांडर चुन लिया है. हिज्बुल चीफ सैयद सलाहुद्दीन ने रियाज़ नायकू के मारे जाने पर अपना रोना रोया और फिर कश्मीर के लिए नई चेन खड़ी की. जिसमें हिज़्बुल का नया कमांडर भी शामिल है. हिज़बुल ने गाजी हैदर को जम्मू-कश्मीर के आतंकियों का नया सरगना चुना है. उसकी मदद के लिए जफर-उल-इस्लाम को उप प्रमुख और अबू तारिक को सलाहकार बनाया है. 


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हालांकि ये आतंकी पहले से सुरक्षा बलों की हिटलिस्ट में शामिल हैं और ऐसा नहीं है कि पाक के नापाक इरादों के लिए भारत किसी भी तरह की नरमी दिखाने वाला है, जब एलओसी पर बोफोर्स तोप ने गोले दागे थे और पाकिस्तान में पाक आर्मी के असलहों का ठिकाना तबाह कर दिया गया था तभी ये ज़ाहिर कर दिया गया था कि किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी और अगर दुश्मन किसी भी तरह का हमला करता है तो मुंह तोड़ जवाब मिलेगा.


भारत-पाक विवाद के बीच हुई ड्रैगन की एंट्री
इस बीच पाकिस्तान ने जानबूझकर POK का मुद्दा उठाया और फिर बात जब गिलगिट बालटिस्तान तक पहुंची तो इमरान ने शी जिनपिंग को उकसाया. जिसके बाद सिक्किम में भारतीय सैनिकों से टक्कर लेकर चीन ने ये ज़ाहिर करने की कोशिश की है कि अगर हिन्दुस्तान पंगा लेता है तो उसे ध्यान रखना होगा कि गिलगिट और बालटिस्तान में उसका ड्रीम प्रोजेक्ट चल रहा है सी-पैक का जिसके नुकसान होने पर दोनों देशों में टेंशन बढ़ सकती है. 


विशेषज्ञों का मानना है कि अगर गिलगिट बालटिस्तान और पीओके भारत का हिस्सा बन जाते हैं तो चीन की कठिनाईयां बढ़ जाएंगी.  उसका सबसे अहम प्रोजेक्ट सी-पैक बर्बाद हो जाएगा. इसमें चीन के जो 65 मिलियन डॉलर लग रहे हैं वो बेकार हो जाएंगे. इसलिए चीन सिक्किम में तनाव पैदा कर रहा है. 



रणनीतिक रुप से POK बेहद अहम
गिलगिट बालटिस्तान एक ऐसी पोजिशन है जिस पर कोई भी कब्ज़ा चाहेगा. क्योंकि रणनीतिक तौर पर ये बेहद खास है, यहां 5 देशों का बॉर्डर है, इंडिया, चीन, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और कजाकिस्तान. जाहिर है इस जंक्शन पर सब अधिकार जताना चाहेंगे.
चीन इसके लिए दो फ्रंट पर वॉर भी लड़ सकता है, क्योंकि सी-पैक उसका ड्रीम प्रोजेक्ट है और POK में इंडिया की मजबूती चीन और पाकिस्तान दोनों के लिए खतरनाक है. इसलिए वह पूर्वी और पश्चिमी दोनो सीमाओं पर वार फ्रंट खोलकर हिन्दुस्तान के साथ ज़ोर आज़माइश कर रहा है. 
12 मई मंगलवार को लद्दाख में LAC के पास मंगलवार को सीमा पर चीन के हेलीकाप्टर देखे गए. इसके बाद से ही भारतीय सेना सतर्क हो गई है. सीमा पर चीनी हेलीकॉप्टर दिखाई देने के बाद भारतीय लड़ाकू विमानों ने भी उड़ान भरी और उसे खदेड़ दिया. 


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जान बूझ कर सीमा पर भड़काया जा रहा है तनाव
भारत की पूर्वी और पश्चिमी सीमा पर तनाव अनायास ही नहीं है. इसके पीछे एक खास वजह है. अब इस बात को समझिए कि


-आखिर अचानक POK का मुद्दा क्यों उठा है? 


-क्यों LOC पर घमासान जारी है? 


-क्यों कश्मीर में आतंकी हमले होने शुरू हो गए? 


-क्या वजह है कि सिक्किम में चीनी सैनिक हिन्दुस्तानी फौज से भिड़ गए? 


इन सभी घटनाओं की वजह एक है पाकिस्तान की बदहाली और इमरान ख़ान की चिंता. 



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पूरी दुनिया के सामने भीख मांग रहा है पाकिस्तान
थोड़ा पीछे चलिए तो आपको पाकिस्तान की बदहाली का कहानी दिखाई देगी. जब इमरान खान कोरोना से लड़ने की दुहाई देकर दुनिया से भीख मांग रहे थे. लगभग एक महीने पहले यानी 12 अप्रैल 2020 को इमरान ने कहा था कि 'पाकिस्तान में 22 करोड़ की आबादी के साथ, जो अधिकतम हमारा सामर्थ्य है वो है 8 बिलियन डॉलर्स. ये अधिकतर विकासशील देशों के साथ है. लेकिन विकासशील देश खुद अपनी जीडीपी के हिसाब से कर्ज़ को झेल रहे हैं इसलिए कर्ज़ में डूबे इन मुल्कों के लिए चुनौती ये है कि वो राजकोषीय घाटा कैसे कम करें. हमारे पास पैसे नहीं है कि हम पहले से खस्ताहाल स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च कर सकें और दूसरा लोगों को भूख से मरने से रोक सकें. इसलिए मैं दुनिया के नेताओँ, आर्थिक संस्थाओं और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव से अपील करता हूं कि वो आगे आएं और विकासशील देशों को कर्ज़ से राहत दें ताकि वो कोरोनावायरस से लड़ सकें'. 


किसी ने नहीं दी पाकिस्तान को भीख
भूखे नंगे पाकिस्तान को कोरोना वायरस की इस संकट की घड़ी में भीख मांगने के सिवा कोई चारा नहीं दिखा. हालांकि इमरान खान अपना कटोरा लेकर दुनिया के हर देश के सामने पहुंचे और क़र्ज़ में डूबे पाकिस्तान का क़र्ज़ माफ करने की दुनिया से अपील करने लगे. लेकिन पाकिस्तान की किसी ने नहीं सुनी. 
-अमेरिका ने अपने दरवाज़ें बंद कर लिए
- चीन ने भी इमरान को मना कर दिया
-वर्ल्ड बैंक ने भीख देने से इनकार किया
-संयुक्त राष्ट्र ने भी पाक से मुंह फेरा


जिसके बाद पाकिस्तान ने शुरु किया गंदा खेल
पूरी दुनिया ने जब पाकिस्तान से मुंह फेर लिया तो पाक ने दुनिया का ध्यान खींचने के लिए अपना वही पुराना पैंतरा दिखाया. पहले अपने कब्जे वाले कश्मीर में इलेक्शन की बात छेड़ी, फिर कश्मीर में आतंकियों को सक्रिय किया और जब हिन्दुस्तान ने मुंह तोड़ जवाब दिया तो संयुक्त राष्ट्र जाने की दुहाई देने लगा. 
गिलगिट और बालटिस्तान का मामला उठा तो इमरान ने अपने चीनी चाचा को याद दिलाया कि इसी रास्ते से वो ग्वादर पोर्ट तक जा सकता है. यानी कुल मिलाकर जिसने भी पाकिस्तान को भीख देने से इनकार किया था उन्हें सुनाने के लिए LoC पर जंग जैसे हालात पैदा कर दिए


चीन और पाकिस्तान की एक जैसी मजबूरी 
पाकिस्तान कोरोना के संक्रमण काल का इस्तेमाल करते हुए अधिक से अधिक चाहता है कि दुनिया उसकी तरफ आकृष्ट हो और उसे आर्थिक मदद दे. उधर  चीन भी हर तरफ से घिरता जा रहा है.  चीन पर पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय का दबाव है.  अमेरिका का भारी प्रेशर है और चीन के ऊपर किसी भी तरह का एक्शन हो सकता. चीन अपने घरेलू मोर्चे पर भी पूरी तरह से घिरा हुआ है.  ऐसे समय में चीन ने पाकिस्तान की ओर ध्यान देना कम कर दिया था. 



इसलिए भी चीन का ध्यान आकर्षित करने के लिए पाकिस्तान कश्मीर पर तनाव बढ़ा रहा है और चाहता है कि पाकिस्तान की तरफ चीन ध्यान दे और किसी तरह से उसे मदद प्रदान करे.