प्रियंका के साथ हुए गलत व्यवहार की रॉबर्ट वाड्रा ने की निंदा, किया ट्वीट
वाड्रा ने अपने ट्वीट में लिखा, `वह दृढ़ थीं और वह पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी से मिलने दोपहिया वाहन से गईं. जरूरतमंद लोगों से मिलने जाने और इस दयालुता के लिए प्रियंका, मुझे आप पर गर्व है. आपने सही किया और परेशान व्यक्ति का साथ देने में कोई बुराई नहीं है.
नई दिल्लीः कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा ने रविवार को अपनी पत्नी के साथ 'उत्तर प्रदेश पुलिस के व्यवहार' की कड़ी निंदा की. रॉबर्ट ने रविवार को ट्विटर पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा, 'महिला पुलिसकर्मियों ने प्रियंका से जैसी धक्का-मुक्की की है, मैं उससे बहुत व्यथित हूं. जहां एक महिला पुलिसकर्मी ने उनका गला पकड़ लिया, वहीं दूसरी महिला पुलिसकर्मी ने उन्हें धक्का मार दिया, जिससे वह गिर गईं. रॉबर्ट वाड्रा पिछले कुछ मौकों से राजनीतिक टिप्पणी कर रहे हैं. इसके पहले उन्होंने गांधी परिवार की सुरक्षा बदले जाने पर भी अपनी बात रखी थी.
परेशान व्यक्ति का साथ देने में कोई बुराई हैः रॉबर्ट वाड्रा
वाड्रा ने अपने इस ट्वीट में आगे लिखा, 'लेकिन वह दृढ़ थीं और वह पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी से मिलने दोपहिया वाहन से गईं. जरूरतमंद लोगों से मिलने जाने और इस दयालुता के लिए प्रियंका, मुझे आप पर गर्व है. आपने सही किया और परेशान व्यक्ति का साथ देने में कोई बुराई नहीं है. प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को लखनऊ में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी के घर जाने के लिए स्कूटी का सहारा लिया. क्योंकि पुलिस ने कथित रूप से उनका मार्ग रोकने की कोशिश की. लखनऊ में लोहिया पथ पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया. लेकिन वह स्कूटी से गईं, जिसे पार्टी सचिव धीरज गुर्जर चला रहे थे.
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प्रियंका गांधी ने लगाया था आरोप
इसके बाद उन्हें पॉलिटेक्निक चौराहे पर रोक दिया गया, जहां से वह दारापुरी के आवास तक पैदल गईं. लोहिया पथ पर तब नाटकीय दृश्य देखने को मिला, जब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और जितिन प्रसाद तथा आचार्य प्रमोद कृष्णन जैसे नेता उनके पीछे दौड़ रहे थे. प्रियंका गांधी ने बाद में आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ धक्का-मुक्की की और 'बिना किसी कारण उनका गला पकड़ लिया.
उन्होंने कहा, 'मैं जब दारापुरी के परिजनों से मिलने जा रही थी तो पुलिस ने मुझे रोक दिया. पुलिसकर्मियों ने मेरे साथ धक्का-मुक्की की. जब मैं एक पार्टी कार्यकर्ता की स्कूटी पर पीछे बैठकर जा रही थी तो वे मुझे घेरे हुए थे. इसके बाद मैं दारापुरी के आवास पर गई.