अयोध्या. उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में राम मंदिर निर्माण का काम बेहद तेजी के साथ जारी है. अगले साल जनवरी महीने में मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद आम लोगों के लिए खोला जा सकता है. इस बीच खबर आई है कि मंदिर आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों को मंदिर ट्रस्ट की तरफ से श्रद्धांजलि दी जाएगी. 


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ट्रस्ट ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा है कि इस पितृ पक्ष में मंगलवार से सरयू नदी के तट पर 11 दिनों का अनुष्ठान किया जाएगा. एक पखवाड़े तक चलने वाले पितृ पक्ष में हिंदू पितरों के लिए धर्म वैदिक अनुष्ठान करते हैं.


10 हजार परिवारों को किया गया शामिल 
जानकारी के मुताबिक ये अनुष्ठान लगभग 10 हजार परिवारों द्वारा नवाह पारायण पथ के साथ शुरू होंगे. इस पथ में नौ दिनों में संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ शामिल है जो 11 अक्टूबर को समाप्त होगा. अयोध्या के लगभग 10,000 परिवारों को इसमें शामिल किया गया है.


10 हजार मिट्टी के दीपक जलाए जाएंगे
ये परिवार 9 दिनों में संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ करेंगे. आयोजन के आखिरी दिन 13 अक्टूबर को ट्रस्ट राम मंदिर आंदोलन में अपनी जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी पर 10,000 मिट्टी के दीपक जलाएगा. यह पहल काशी के प्रसिद्ध वैदिक पुरोहित लक्ष्मी कांत द्विवेदी की सलाह पर की गई थी.


RSS की बैठक में लिया गया फैसला
मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक इस बाबत फैसला बीते 29 सितंर को अयोध्या में हुई राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की एक बैठक में किया गया था. इस अहम बैठक में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्ट के अन्य सदस्य और विश्व हिंदू परिषद के नेता मौजूद रहे. ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि ट्रस्ट ने 500 साल लंबे राम मंदिर आंदोलन में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देने का फैसला किया है.


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