इस्लामाबाद. अफगानिस्तान में साल 2021 में तालिबान की सरकार दोबारा आने पर पाकिस्तान ने स्वागत ने स्वागत किया था. पाकिस्तान की तरफ से अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजों की विदाई और तालिबान शासन के स्थापित होने को सकारात्मक घटना बताया गया था. लेकिन तालिबान 2.0 में अब पाकिस्तान में आतंक का संकट गहराता जा रहा है. पाकिस्तान में अफगानिस्तान की सीमा से लगे अपने कबायली इलाके में फिर से आतंकवाद मजबूती से जड़ें जमा रहा है. यह अब पेशावर, लाहौर के साथ-साथ राजधानी इस्लामाबाद जैसे प्रमुख शहरों में भी फैल रहा है, जिससे यह देश के सुरक्षाबलों के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण और खतरनाक इम्तहान बन गया है.
दरअसल तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और पाकिस्तानी सरकार के प्रतिनिधिमंडल के बीच काबुल में आयोजित वार्ता की विफलता के बाद, TTP ने आत्मघाती विस्फोटों, आईईडी विस्फोटों, सुरक्षा प्रतिष्ठानों, सैन्य काफिले-चौकियों पर लक्षित हमलों और सुरक्षाकर्मियों की लक्षित हत्याओं जैसे घातक हमलों को अंजाम दिया है. देश में TTP और अन्य आतंकी समूहों द्वारा 200 से अधिक आतंकी हमले किए गए हैं.
थिंक टैंक का कहना- बढ़ रहे हैं हमले
एक थिंक टैंक का कहना है कि पाकिस्तान में आतंकी हमले बढ़ रहे हैं. देश भर में 99 घटनाएं दर्ज की गईं, जुलाई की तुलना में आतंकवादी हमलों में 83 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, इस दौरान आतंकवादियों ने 54 हमले किए. इस महीने एक दिन में तीन बड़े हमले हुए, जिनमें से दो आत्मघाती विस्फोट थे.
फिर हुई घटना
शुक्रवार को भी बड़ी संख्या में टीटीपी आतंकवादियों ने उत्तरी पहाड़ी कलश सीमा घाटी में पाकिस्तानी सेना की दो चौकियों को निशाना बनाते हुए अफगानिस्तान से पाकिस्तान में प्रवेश करने की कोशिश की. विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने कहा कि आतंकवाद के खतरे ने पाकिस्तानी सुरक्षाबलों और कानून-प्रवर्तन एजेंसियों को सतर्क कर दिया है क्योंकि वे खुफिया आधारित अभियानों (आईबीओ) के माध्यम से आतंकवादियों से निपटने तथा उन्हें बाहर निकालने एवं सीमा पार घुसपैठ के प्रयासों पर सतर्कता बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
तालिबान से कार्रवाई का आह्वान
वहीं टीटीपी की बढ़ती गतिविधियों के पाकिस्तान की तरफ से काबुल पर शासन कर रहे तालिबान शासन की तरफ उंगलियां उठाई जाती रही हैं. पाकिस्तान ने अब कहा है कि टीटीपी आतंकवादी अफगानिस्तान में सीमा पार सुरक्षित आवाजाही और बस्तियों का आनंद लेते हैं, उन्होंने काबुल में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार से इस्लामाबाद को धमकी देने वाली संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान किया है.
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