नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सांसद एसटी हसन ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कुछ इलाकों में जानवरों द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाने का उल्लेख करते हुए मंगलवार को लोकसभा में सरकार से आग्रह किया कि कुछ जानवरों को मारने या पकड़ने की छूट दी जाए.


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नीलगाय का नाम बदलने की मांग


सपा सांसद यहीं नहीं रुके. उन्होंने ये तक कह दिया कि नीलगाय का नाम बदलकर ''जंगली घोड़ा' किया जाए. उन्होंने 'वन्यजीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021' पर चर्चा में भाग लेते हुए यह मांग की.


उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से लोकसभा सदस्य हसन ने कहा, 'मेरे क्षेत्र में जानवर फसलों को बहुत नुकसान पहुंचा रहे हैं. मेरे क्षेत्र में बंदर बहुत हैं. बंदर फसलों को नष्ट कर रहे हैं. इसके चलते हमारे यहां के छोटे किसान गन्ना नहीं बो रहे हैं.'


'जंगली सूअर और नीलगाय बहुत ज्यादा हैं'


सपा सांसद एसटी हसन ने कहा, 'जंगली सूअर बहुत ज्यादा हैं, नीलगाय भी हैं. मेरा आग्रह है कि इनको मारने या पकड़ने की आजादी होनी चाहिए. सरकार से यह आग्रह भी है कि नीलगाय का नाम बदलकर जंगली घोड़ा कर दें तो बहुत आसानी होगी.'


लोकसभा में उठा वीजा आवेदनों का मुद्दा


भाजपा सांसद गोपाल शेट्टी ने मंगलवार को सरकार से अनुरोध किया कि अनेक देशों के दूतावासों में नागरिकों, खासतौर पर छात्रों के अरसे से लंबित वीजा आवेदनों के विषय पर ध्यान दिया जाए. लोकसभा में शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए शेट्टी ने कहा कि कोविड महामारी और यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत लौट आए अनेक छात्रों को पढ़ाई के लिए वापस विदेश जाने के वास्ते वीजा प्राप्त करने में कठिनाई आ रही है.


उन्होंने कहा, 'कई छात्रों ने दाखिलों के लिए 10 से 15 लाख रुपये तक का शुल्क दिया है और उन्हें वीजा पाने में मुश्किल आ रही है क्योंकि कई दूतावास बंद हैं. कनाडा के साथ सबसे अधिक समस्या है जहां के लिए एक लाख से अधिक वीजा आवेदन लंबित हैं.'


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