नई दिल्ली: भीख मांगने को अपराध की श्रेणी से हटाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 5 राज्य को जवाब देने के लिए 3 हफ्ते का और समय दे दिया है. अब 3 हफ्ते में बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब और हरियाणा सरकार को कोर्ट में जवाब देना होगा.


जवाब दाखिल नहीं हुआ तो मिला और समय


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पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार समेत इन पांच राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था लेकिन राज्यों की ओर से अब तक जवाब दाखिल ना करने के चलते आज सुनवाई टल गई.


दरअसल, याचिका में कहा गया कि इन प्रविधानों के चलते लोगों के पास भीख मांगकर अपराध करने या भूखा मरने का 'अनुचित विकल्प' ही बचेगा. याचिका में दावा किया गया है कि भीख मांगने को अपराध बनाने संबंधी धाराएं संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हैं.


मेरठ के विशाल पाठक की याचिका पर सुनवाई


ये याचिका मेरठ निवासी विशाल पाठक ने दायर की है. याचिका में दिल्ली हाई कोर्ट के अगस्त 2018 के उस फैसले का जिक्र किया गया है, जिसमें कहा गया था राष्ट्रीय राजधानी में भीख मांगना अब अपराध नहीं होगा.


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याचिका में ये भी कहा गया है कि बंबई भिक्षावृत्ति रोकथाम अधिनियम, 1959 के प्रविधान, जिनमें भीख मांगने को एक अपराध के रूप में माना गया है, संवैधानिक रूप से नहीं टिक सकता है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में 2011 की जनगणना का उल्लेख करते हुए कहा गया था कि भारत में भिखारियों की कुल संख्या 4,13,670 है. पिछली जनगणना के बाद से यह संख्या बढ़ी है.


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