नई दिल्ली: भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) कृत्रिम मेधा (Artificial Intelligence) का इस्तेमाल कर 'वेब इंटेलिजेंस' के जरिये सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर निगरानी बढ़ाने की योजना बना रहा है. सेबी ने सोमवार को जारी सार्वजनिक सूचना में वेब इंटेलिजेंस को लागू और शुरू करने और उसके रखरखवाव के लिए समाधान प्रदाताओं से रुचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किये है.


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इंटरनेट का उपयोग तेजी से बढ़ा
नियामक ने कहा पिछले कुछ वर्षों में इंटरनेट का उपयोग तेजी से बढ़ा है. इसके कारण वेब पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध अव्यवस्थित या बिखरे डेटा की भारी वृद्धि हुई है. अव्यवस्थित डेटा में वीडियो और ऑडियो फाइल, सोशल मीडिया पोस्ट आदि आते हैं.


सेबी ने इसे लेकर क्या कुछ कहा?
सेबी ने कहा कि इस अव्यवस्थित डेटा में विभिन्न संस्थाओं, व्यक्तियों, समूहों और विभिन्न प्रतिभूति कानूनों के उल्लंघन से संबंधित विषयों के बारे में गहन जांच से जुड़ी जानकारी प्रदान करने की क्षमता है.


वेब इंटेलिजेंस 'टूल' की तलाश में सेबी
सूचना के अनुसार, 'सेबी ऐसे वेब इंटेलिजेंस 'टूल' की तलाश में है जो विभिन्न संस्थाओं, व्यक्तियों, समूहों और विषयों के बारे में गहन खुफिया जानकारी प्राप्त करने के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध अव्यवस्थित डेटा को निकालने और विश्लेषण करने के लिए एआई आधारित समाधान प्रदान करता है.'


इस नए टूल से समय की बचत, विश्लेषण प्रक्रिया को आसान बनाने और समग्र जांच प्रक्रिया की दक्षता में सुधार की उम्मीद है.


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