अखिलेश यादव से ओम प्रकाश राजभर ने पूछा तीखा सवाल, तो क्या टूट गए सारे रिश्ते?

ओम प्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से तीखा सवाल पूछते हुए कहा कि 'उनको जनता ने पैदल कर दिया तो अब क्‍या करेंगे.' ऐसे में सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या दोनों नेताओं के रिश्ते टूट गए हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 19, 2022, 04:31 PM IST
  • 'अखिलेश को जनता ने कर दिया पैदल'
  • राजभर ने सपा प्रमुख पर कसा तीख तंज
अखिलेश यादव से ओम प्रकाश राजभर ने पूछा तीखा सवाल, तो क्या टूट गए सारे रिश्ते?

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले दिन सोमवार को मुख्‍य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के 'पैदल मार्च' पर तंज कसते हुए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव को जनता ने पैदल कर दिया, तो अब क्‍या करेंगे.

'अब अखिलेश को पैदल ही रहना है'
उन्होंने दावा किया कि अब अखिलेश यादव को पैदल ही रहना है. विधानसभा सत्र की शुरुआत पर सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने अपने सभी विधायकों के साथ महंगाई, बेरोजगारी, बदहाल कानून-व्यवस्था और किसान, महिला व युवा उत्पीड़न जैसे जनहित के मुद्दों को लेकर सपा मुख्यालय से विधानसभा तक 'पैदल मार्च' का ऐलान किया था.

हालांकि, पुलिस ने बीच रास्ते में ही सपा प्रमुख यादव समेत उनके विधायकों को रोक दिया जिसके विरोध स्वरूप वह धरने पर बैठ गये. ओमप्रकाश राजभर ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि जब पांच साल सत्ता (2012-2017) में थे तब कुछ किया नहीं और आज पैदल घूम रहे हैं.

अखिलेश पर नाटक करने का आरोप
राजभर ने कहा, 'अखिलेश यादव को जनता ने पैदल कर दिया है, तो अब क्‍या करेंगे. सत्ता में थे तो कश्यप, निषाद, बिंद, राजभर सबको भूल गये थे, पहचानते नहीं थे और अब नाटक कर रहे हैं.'

सुभासपा प्रमुख ने अखिलेश यादव के अभियान को नाटक बताते हुए कहा कि जनता ने विधानसभा में भेजा है, तो विधानसभा में मुद्दा उठाओ. उन्‍होंने दावा किया कि अब उन्हें (अखिलेश यादव) पैदल ही रहना है. सदन में सुभासपा के रुख पर उन्‍होंने कहा कि प्रदेश में सरकार भूमाफिया के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, लेकिन उसकी आड़ में गरीबों को परेशान किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि जातिवार जनगणना समेत हम तीन-चार प्रमुख मुद्दों को सदन में उठाएंगे. राजभर ने कहा कि 11 मार्च 2022 को उच्‍च न्‍यायालय ने भर-राजभर को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का आदेश दिया था, जिसे लागू कराने की वह मांग करेंगे.

राजभर ने सपा पर तीखे तीर चलाए
सदन में जाते समय राजभर ने जहां सपा पर तीखे तीर चलाए, वहीं उनकी सत्‍तारुढ़ दल से नजदीकी देखने को मिली. उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ जब सदन में पहुंचे, तो वह विपक्षी दलों की सीट की तरफ गये और राजभर से भी मुलाकात की.

ओम प्रकाश राजभर से पूछा गया कि योगी से उनकी क्या बातचीत हुई, तो उन्‍होंने कहा, 'योगी जी ने कहा कि आपके क्षेत्र की जो समस्या है बताओ, उसे हल करेंगे.' इसके पहले सदन में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्‍यक्ष और जल शक्ति मंत्री स्‍वतंत्र देव सिंह भी राजभर से गले मिले.

सत्र स्थगित होने के बाद राजभर परिवहन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह के साथ बाहर निकले. उल्लेखनीय है कि सुभासपा ने वर्ष 2017 में भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन से चुनाव लड़ा, लेकिन वर्ष 2019 तक राजभर ने भाजपा से विद्रोह कर अलग रास्ता चुन लिया.

वर्ष 2022 में वह समाजवादी पार्टी के गठबंधन से चुनाव लड़े, लेकिन राष्ट्रपति चुनाव में उनकी सपा से दूरी बढ़ गयी. राजभर ने राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा समर्थित राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की पसंद की उम्मीदवार का साथ दिया जिसमें द्रौपदी मुर्मू देश की राष्ट्रपति चुनी गयीं.

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