नई दिल्ली: लोकसभा में बुधवार को भारतीय जनता पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस सहित कई दलों के सदस्यों ने अपने अपने प्रदेशों में कुछ समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिये जाने की मांग उठायी. निचले सदन में तमिलनाडु की दो जनजातियों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में डालने के प्रावधान वाले विधेयक पर बुधवार को चर्चा शुरू हुई.


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मंत्री अर्जुन मुंडा ने लोकसभा में पेश किया विधेयक
जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने 'संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2022' को चर्चा और पारित कराने के लिए सदन में रखते हुए कहा कि इसमें तमिलनाडु की नारिकुर्वर और कुरूविकरण पहाड़ी जनजातियों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने का प्रावधान है.


चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के के. जयकुमार ने कहा कि इन दो जनजातियों के साथ ही तमिलनाडु के कुछ और समुदायों को जनजाति वर्ग में शामिल करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जनजातीय वर्ग के 31.2 प्रतिशत बच्चे आठवीं कक्षा से पहले ही पढ़ाई से दूर हो रहे हैं, इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए.


धनगड़ समुदाय को जनजाति की श्रेणी में शामिल करने की मांग
जयकुमार ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि यह अच्छा कदम है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के रंजीत सिन्हा एच नाइक निम्बालकर ने कहा कि महाराष्ट्र के धनगड़ समुदाय को भी जनजाति की श्रेणी में शामिल किया जाए.


उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार में अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए बहुत काम हुआ है और इसका बहुत असर दिख रहा है. तृणमल कांग्रेस की प्रतिमा मंडल ने कहा कि एसटी समुदाय के बच्चों में बीच में पढ़ाई छोड़ने का प्रतिशत बहुत ज्यादा है, इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए.


उन्होंने पश्चिम बंगाल के कुछ समुदायों का उल्लेख किया और कहा कि उन्हें भी एसटी की सूची में शामिल किया जाए. चर्चा में हिस्सा लेते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले ने भी महाराष्ट्र में धनगड़ समुदाय को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की मांग की.


बिश्नोई समुदाय ओबीसी का दर्जा देने की मांग
भाजपा के राजू बिष्टा ने दार्जीलिंग समेत पश्चिम बंगाल की 11 जनजातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिये जाने की मांग की. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान के बिश्नोई समुदाय को केंद्र की सूची में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा देने की मांग की.


वहीं, अन्नाद्रमुक के पी रवींद्रनाथ ने तमिलनाडु में दो जनजातियों के संबंध में विधेयक लाने के लिए सरकार का आभार जताया. चर्चा में द्रमुक के डी रवि कुमार, वाईएसआर कांग्रेस के एम गुरुमूर्ति, बीजू जनता दल के रमेश माझी, नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मसूदी और कुछ अन्य सदस्यों ने भी भाग लिया. चर्चा अधूरी रही.
(इनपुट: भाषा)


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