नई दिल्ली: पिछले साल 'लॉकडाउन' के कारण ज्यादातर लोग अपने घरों में बंद रहने को मजबूर हुए. इस दौरान शायद ही कोई चीज अच्छी हुई, लेकिन इस अवधि में परिवार की बचत जरूर बढ़ी.
एक रिपोर्ट के अनुसार, परिवार की बचत साल 2020 में बढ़कर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की 22.5 प्रतिशत रही जो इससे पूर्व साल 2019 में यह 19.8 प्रतिशत रही थी.
भौतिक बचत में आई गिरावट
ब्रोकरेज कंपनी मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विश्लेषण के अनुसार, पिछले साल अप्रैल-जून के दौरान सोना, जमीन आदि के रूप में रखी जाने वाली परिवार की भौतिक बचत कम होकर 5.8 प्रतिशत पर आ गई. यह महामारी पूर्व स्तर का लगभग आधा है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर तिमाही में इसमें सुधार हुआ और यह जीडीपी की 13.7 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई जो कई साल का उच्च स्तर है.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, परिवार की गैर-वित्तीय बचत 2020 की जून तिमाही में जीडीपी की 21.4 प्रतिशत रही. इसके बाद सितंबर तिमाही में यह 10.4 प्रतिशत पर आ गई. हालांकि, दिसंबर तिमाही में यह घटकर 8.4 प्रतिशत पर पहुंच गई. महामारी पूर्व अवधि में यह जीडीपी की 7 से 8 प्रतिशत थी.
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परिवारों ने निवेश के रूप में बचत बढ़ाई
आरबीआई के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि दिसंबर तिमाही में सकल वित्तीय बचत घटकर जीडीपी की 13.2 प्रतिशत पर आ गई जबकि वित्तीय देनदारी जीडीपी की 4.8 प्रतिशत रही.
रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर तिमाही के मुकाबले परिवार ने मुद्रा और निवेश के रूप में अपनी बचत बढ़ाई, लेकिन जमा, पेंशन और लघु बचत के रूप में जमा तेजी से कम हुई. परिवार ने बैंकों से कर्ज लिये और गैर-बैंकिंग तथा आवास वित्त कंपनियों की देनदारी दिसंबर तिमाही में कम हुई.
पिछले साल दिसंबर तिमाही में सकल वित्तीय बचत जीडीपी की 13.2 प्रतिशत रही. यह पिछले दशक के 10 से 12 प्रतिशत के मुकाबले अधिक है.
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