मुंबई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अजित पवार को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने से शिवसेना में कोई भी अप्रसन्न नहीं है. शिंदे ने उन खबरों को ‘विपक्ष द्वारा फैलाई गई अफवाहें’ बताया जिनमें कहा गया है कि अजित पवार और राकांपा के आठ अन्य विधायकों को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की ताकत मेरे पीछे है. 


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अजित बोले-मैं सीएम बनने की इच्छा रखता हूं...मची हलचल
अजित पवार के नेतृत्व वाले NCP गुट के राज्य सरकार में शामिल होने के बाद शिवसेना के कुछ विधायकों ने स्पष्ट रूप से चिंता जताई थी. शिंदे ने बुधवार को शिवसेना विधायकों, विधान परिषद सदस्यों (एमएलसी) और सांसदों की बैठक की अध्यक्षता की थी. अजित पवार ने बुधवार को कहा था कि वह मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा रखते हैं. उनके इस बयान से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई.


शिंदे गुट अपने विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की शिकायत पर विधानसभा अध्यक्ष के फैसले का इंतजार कर रहा है. शिंदे के नेतृत्व वाले समूह से संबंधित महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत ने कहा कि शिंदे के इस्तीफे के बारे में खबरें झूठी हैं.


दिल्ली में NCPकी बैठक के पहले पोस्ट युद्ध
वहीं दिल्ली में गुरुवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले पोस्टर युद्ध छिड़ गया है. पार्टी की छात्र शाखा ने NCP कार्यालय के बाहर अजित पवार को 'गद्दार' करार देते हुए पोस्टर लगाए. यह पोस्टर एनसीपी कार्यालय के बाहर लगाये गये हैं.


गुरुवार को NCPसंस्थापक शरद पवार के दिल्ली आगमन से पहले, 'बाहुबली: द बिगिनिंग' के एक दृश्य वाले पोस्टर लगाए गए, जिसमें कटप्पा बाहुबली की पीठ में छुरा घोंपता है. पोस्‍टर पर 'गद्दार' लिखा हुआ था.


अजित-प्रफुल्ल पटेल के पोस्टर हटाए गए  
इस बीच, दिल्ली में NCP कार्यालय के बाहर से NCPके सभी पुराने पोस्टर और होर्डिंग्स हटा दिए गए, जिनमें अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल नजर आ रहे थे. राष्ट्रीय राजधानी में यह बैठक NCP सुप्रीमो शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार दोनों की बुधवार को मुंबई में अलग-अलग बैठकें करने के एक दिन बाद हुई है.
अजित पवार ने NCP को तोड़ दिया था और महाराष्ट्र में भाजपा-एकनाथ शिंदे सरकार में आठ मंत्रियों के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.


अजित पवार द्वारा बुलाई गई बैठक में करीब 30 विधायक शामिल हुए. दावे-प्रतिदावे के बावजूद, वरिष्ठ नेताओं ने अजित पवार के पक्ष में 35 और शरद पवार के खेमे में 18 का आंकड़ा बताया है. हालांकि वास्‍तविक तस्वीर अभी सामने आनी बाकी है. NCP के पास 53 विधायक हैं और अजीत पवार को दलबदल विरोधी कानूनों से बचने के लिए दो-तिहाई-यानी कम से कम 36 विधायकों- के समर्थन की आवश्यकता होगी.


NCP के नाम और चुनाव चिह्न की लड़ाई बुधवार को चुनाव आयोग तक पहुंच गई. अजित पवार के खेमे ने यह दावा करते हुए चुनाव आयोग से संपर्क किया कि उन्हें पार्टी के अधिकांश विधायकों का समर्थन प्राप्त है. अजित पवार के नेतृत्व वाले खेमे ने 40 निर्वाचित जनप्रतिनिधियों (एमएलए, एमएलसी और एमपी) के समर्थन का दावा किया.


(एजेंसियों से इनपुट्स के साथ.)


 


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